उत्तराखंड में कार्मिकों के भरी संख्या में स्थानांतरण किए जाने की उम्मीद है क्योंकि विश्वास शासन ने स्थानांतरण नीति के तहत बनाए गए मानकों के दायरे में आने वाले सभी कर्मचारियों का स्थानांतरण के निर्देश दिए हैं
केवल 10 फ़ीसदी स्थानांतरण करने की बाध्यता नहीं रखी गई है जबकि तबादले दुर्गम से सुगम और सुगम से दुर्गम के मानकों के अनुसार ही होंगे।
शासन के निर्देश में 15 मई तक विभाग पात्र कार्मिकों वह संभावित रिक्तियों की सूचना जारी करेंगे। राज्य में हर साल होने वाले स्थानांतरण के लिए सरकार की नीति के अनुसार शुभम से दुर्गम और दुर्गम से शुभम स्थानांतरण किए जाते हैं।
अनुकंपा के आधार पर तबादलों के लिए आए आवेदनों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति निर्णय लेती है। 2020-21 में कोविड-19 के कारण स्थानांतरण नहीं हो पाए थे।
दोनों वर्ष में सरकार स्थानांतरण के लिहाज से शून्य सत्र घोषित कर दिया गया। था इस वर्ष सरकार अप्रैल में स्थानांतरण प्रक्रिया के संबंध में आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि पूरी प्रक्रिया 30 अप्रैल से प्रारंभ होकर 10 जुलाई तक चलेगी। इस अवधि में हर विभाग को स्थानांतरण आदेश जारी करने होंगे।
अब विभागों द्वारा 15 मई तक प्रत्येक संवर्ग के लिए सुगम व दुर्गम क्षेत्र के कार्यस्थल स्थानांतरण के पात्र कार्मिकों की संभावित रिक्तियों की सूची जारी की जाएगी