मामला खुलने से पहले ही स्कूल प्रबंधन के करवा दिया था गर्भपात !

- बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप: पीड़िता की प्रेगनेंसी रिपोर्ट निगेटिव
- स्कूल प्रबंधन के लोगों ने दवाओं से करवा डाला छात्रा का गर्भपात
- मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टरों ने किया बड़ा खुलासा, हैरान है पुलिस
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : बोर्डिंग स्कूल में गैंगरेप की पीड़ित छात्रा की मेडिकल जांच में डॉक्टरों ने बड़ा खुलासा किया है। जिसके बाद अब पुलिस भी सोच में पड़ गई है। पुलिस अभी तक यह मानकर चल रही थी कि पीड़िता के अविकसित भ्रूण से डीएनए जांच कराकर मामले का पर्दाफाश करेगी। लेकिन बुधवार को आई मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता की प्रेगनेंसी रिपोर्ट निगेटिव आई है। माना जा रहा है कि छात्रा को जबरदस्ती दवाएं खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया गया है। पुलिस के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट में छात्रा से दुराचार की पुष्टि हुई है।
इसके साथ ही बुधवार को छात्रा के मजिस्ट्रेटी बयान भी दर्ज कराए गए, जिनमें उसने पुलिस को दिए बयानों की पुष्टि की है। इधर, आरोपियों की जमानत की अर्जी को भी न्यायालय ने खारिज कर दिया। भाऊवाला स्थित बोर्डिंग में छात्रा से हुए गैंगरेप का गत रविवार को खुलासा हुआ था। पता चला था कि स्कूल के ही चार छात्रों ने छात्रा से गैंगरेप किया है। स्कूल प्रशासन ने इस मामले को दबाने के लिए हर हथकंडा अपनाया। पुलिस ने जांच करते हुए महज 24 घंटे में ही चारों छात्रों को हिरासत में लेकर स्कूल की निदेशक, प्रिंसिपल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, उसकी पत्नी व आया को गिरफ्तार कर लिया था।
स्कूल प्रबंधन से जुड़े इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने छात्रा का गर्भपात कराने के लिए उसे जबरदस्ती दवाएं खिलाई हैं। पुलिस ने मंगलवार को दून महिला चिकित्सालय में छात्रा की मेडिकल जांच कराई थी। बुधवार को पुलिस को इसकी रिपोर्ट मिल गई। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि मेडिकल जांच में छात्रा से दुराचार की पुष्टि हुई है। जबकि, अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट के अनुसार छात्रा गर्भवती नहीं पाई गई है।
ऐसे में माना जा रहा है कि स्कूल प्रबंधन के लोगों ने उसे जो दवाएं खिलाई थीं, उन्हीं से उसका गर्भपात हो गया है। हालांकि, आगामी मेडिकल जांच में गर्भपात को लेकर स्थिति ज्यादा स्पष्ट हो पाएगी। इधर, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के निर्देश पर सिविल जज सीनियर डिवीजन मंजू सिंह की कोर्ट में छात्रा के बयान दर्ज कराए गए।
- छात्रा दबाव में थी स्कूल प्रबन्धन के
स्कूल के चार छात्रों ने तो अपने ही साथ पढ़ने वाली छात्रा संग हैवानियत की ही थी, लेकिन स्कूल प्रबन्धन ने भी उसे प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। गैंगरेप पीड़ित छात्रा पर स्कूल प्रबंधन के डर का आलम यह था कि वह अपने घर पहुंचकर भी अपने परिजनों को कुछ नहीं बता पाई थी। घटना के बाद पीड़िता रक्षाबंधन पर घर गई थी। खबर मिली है कि परिजनों ने छात्रा को स्कूल से हटाने का फैसला लिया है, वह अपने घर जाएगी। छात्रा 14 अगस्त चार छात्रों की हैवानियत का शिकार हुई थी।
इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने भी उस पर जुल्म ढाने में कसर नहीं छोड़ी। प्रबंधन के लोग मामले में 15 साल की मासूम की ही गलती बताते रहे। बार बार उसे स्कूल से निकालने की धमकी दी जा रही थी। बदनामी और स्कूल से निकाले जाने की धमकी का छात्रा पर इतना असर था कि उसने यह बात अपने परिजनों तक को नहीं बताई। जबकि, वह परिजनों से लगभग रोज फोन पर बात करती थी। यही नहीं, छात्रा 26 अगस्त को रक्षाबंधन पर भी घर गई थी, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया। उधर, इस घटना के बाद अन्य अभिभावकों में भी खासा रोष व्याप्त है। कई अभिभावक पहले ही अपने बच्चों को स्कूल से निकालने की चेतावनी दे चुके हैं।