LAW & ORDERsNATIONAL

सुप्रीम कोर्ट का मीडिया को निर्देश, अप्रमाणित समाचारों का प्रसार न करें, जिनसे दहशत फैल सकती हो

कामगारों के बड़ी संख्‍या में प्रवासन का कारण फेक न्यूज के कारण फैली दहशत

नई दिल्ली। उच्‍चतम न्‍यायालय ने प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक और सोशल मीडिया सहित मीडिया को जिम्‍मेदारी की प्रबल भावना बरकरार रखने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि ऐसे अप्रमाणित समाचारों का प्रसार न होने पाए, जिनसे दहशत फैल सकती हो।

उच्‍चतम न्‍यायालय ने इस बात पर ध्‍यान दिया है कि शहरों में काम करने वाले कामगारों के बड़ी संख्‍या में प्रवासन का कारण इस फेक न्यूज के कारण फैली दहशत थी कि लॉकडाउन तीन महीने से ज्‍यादा अवधि तक चलने वाला है। न्‍यायालय ने गौर किया है कि इलेक्‍ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया द्वारा प्रसारित की जाने वाली फेक न्‍यूज की अनदेखी कर पाना उसके लिए संभव नहीं है, क्‍योंकि इनसे फैली दहशत के कारण हुए प्रवासन ने उन ऐसे समाचारों का पालन करने वाले लोगों की तकलीफें बेतहाशा बढ़ा दीं, इसके कारण कुछ लोगों को जान तक गंवानी पड़ी।

कोरोना पर अपडेट के लिए क्लिक करें

न्‍यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि वह महामारी के बारे में निष्‍पक्ष चर्चा पर दखल नहीं देना चाहता, लेकिन साथ ही न्यायालय ने मीडिया को घटनाक्रमों के बारे में आधिकारिक विवरण का संदर्भ लेने और प्रकाशन करने का निर्देश दिया है। (PIB)

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मूल पाठ पढ़ने के लिए क्लिक करें-

 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »