UTTARAKHAND

उत्तरकाशी जिले में ”कोरोना वायरस” ही करेंगे चेतना तथा जागरूकता का प्रसार

डीएम साब ! यह क्या लिख दिया आपने तो शिक्षकों को ही कोरोना वायरस कह दिया

डीएम ने पत्र लिखकर शिक्षकों को कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ जागरूकता की जिम्मेदारी सौंपी है

शिक्षक संघों को लिखे पत्र में शिक्षकों को चार बार लिखा गया है कोरोना वायरस 

विद्यालय बंद रहने तक शिक्षकों को सौंपी जंगलों की आग बुझाने की जिम्मेदारी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

मिर्ची बाबा की त्वरित टिप्पणी 

ये लो जी मैं तो वायरस बन गया..

सभी संतों को यह बताते हुए मुझे विकट हर्ष होता है कि जल्दी ही वह अवसर भी आने वाला है ज़ब गुरूजी और शिक्षा अधिकारी बन सकेंगे कोरोना वायरस… यकीन न हो तो ये पत्र पढ़ लीजिये जी, इसमें साफ़ साफ़ लिखा है कि गुरुजन लोग और अधिकारियों को कोरोना वायरस बनाया जा रहा है…

वो भी एक नहीं दो नहीं तीन भी नहीं, बल्कि चार बार लिखा है जी…

सोचता हूँ कि भला किस भले आदमी पर कौन सी आपदा आई होगी कि अच्छे भले अधिकारियों और गुरुजनों को कोरोना वायरस बनाने की नौबत आ गयी ?

ये मास्क मेरा देखो, ये हाल मेरा देखो.. जैसे छोरा कोई वुहान का.. ये लो जी मैं तो वायरस बन गया..

उत्तरकाशी। डीएम साब, अब आपने यह क्या कर दिया। आपको यकीन नहीं है तो अपने पत्र को ही देख लीजिए, जिसमें आपने उन लोगों को कोरोना वायरस कह दिया, जिनको आपने ही कोरोना संक्रमण के खिलाफ जागरूकता की जिम्मेदारी सौंपी है। एक जगह होता तो हम मान लेते कि साहब ने देखा नहीं होगा, कोई मिस्टेक हो गई होगी, पर यहां तो चिट्ठी पर जिनको आप कोरोना वारियर्स कहना चाहते होंगे, उनको बार-बार कोरोना वायरस लिख दिया है।
अब आप ही देख लीजिए डीएम साब, हर पत्र पर ऐसे ही आंख मूंदकर साइन न कर दीजिएगा, नहीं तो आप कोरोना वारियर्स को कोरोना वायरस ही लिखते रहेंगे। अब कहीं, अपने किसी कर्मचारी पर कार्रवाई की तलवार मत टांग देना, उसकी क्या गलती है, आखिरकार पत्र पर तो आपदा  प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिलाधिकारी के तौर पर तो आपके ही दस्तखत जान पड़ते हैं।
चलिये, हम आपको 21 अप्रैल, 2020 की वो चिट्ठी पढ़वा देते हैं, जो आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, उत्तरकाशी के कार्यालय से उत्तरकाशी के शिक्षक संघों के अध्यक्षों को जारी हुई है। कोविड-19 संबंधी चेतना/जागरूकता तथा वनाग्नि रोकने के लिए शिक्षकों को तैनाती के संबंध में जारी इस पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमण अभी पूर्णतः समाप्त नहीं हुआ है। ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में कोविड-19 संक्रमण के संबंध में जनमानस को जागरूक किया जाना अति आवश्यक है,जिससे इस महामारी पर पूर्ण विजय
प्राप्त की जा सके। इसी क्रम में आपके विभागीय शिक्षकों और अधिकारियों को कोरोना वायरस के रूप में कार्य करने हेतु महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व प्रदत्त किया जा रहा है।
इस पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस का मुख्य कार्य ग्रामीण एवं नगरी क्षेत्रों में कोविड-19 के संबंध में चेतना तथा जागरूकता का प्रसार करना है। कोरोना वायरस द्वारा ग्रामीणों को इस महामारी से बचाव के उपायों के संबंध में प्रशिक्षित किया जाएगा। कोरोना वायरस द्वारा उक्त कार्य विद्यालयों के अवकाश अवधि तक सम्पादित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त पत्र में कहा गया है कि जनपद अंतर्गत वनाग्नि से वनों, वन्य जीवों की रक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत वनाग्नि को रोकने हेतु आपके विभागीय शिक्षकों कोविड-19 के लॉकडाउन/ विद्यालय बंद रहने तक तैनात किया जाना आवश्यक है। शिक्षकों को वनाग्नि रोकने तथा तकनीकों के संबंध में पूर्व प्रशिक्षण प्रभागीय वनाधिकारी उत्तरकाशी/टौंस/बड़कोट के सक्षम अधिकारियों द्वारा प्रदान किया जाएगा।

पत्र में त्रुटि को दूर कर दिया था, पर किसी ने इसे पहले ही वायरल कर दियाः डीएम

डीएम द्वारा भेजा गया संशोधित पत्र

इस संबंध में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान का कहना है कि शिक्षक संघों को लिखे इस पत्र में त्रुटियों को दूर कर दिया गया था, लेकिन इससे पहले ही किसी ने इस पत्र को  वायरल कर दिया।

उन्होंने कहा कि संकट की घड़ी में स्वयं जोखिम उठाकर हम सभी की जीवन सुरक्षा के लिए कार्य करने वाले कोरोना वारियर्स का हम सम्मान करते हैं।

उन्होंने कहा शिक्षक हम सभी के लिए सम्मानित हैं। जिलाधिकारी ने संशोधित पत्र की प्रति भी देवभूमि मीडिया को उपलब्ध कराई है जो संलग्न है ।

devbhoomimedia

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