धामी सरकार ने बजट सत्र में बताया कि पर्यटन सेक्टर में अगले कुछ सालों में 20 लाख नई नौकरियां आने की संभावना है। सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में वर्ष 2030 तक 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा।उत्तराखंड के पर्यटन सेक्टर में अगले कुछ सालों में 20 लाख नई नौकरियां आने की संभावना है। धामी सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में वर्ष 2030 तक 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। सरकार ने विधानसभा में बुधवार को प्रस्तुत वर्ष 2023-24 के आर्थिक सर्वेक्षण में पर्यटन सेक्टर को लेकर यह रोडमैप प्रस्तुत किया।
उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन तेजी से बढ़ रहे हैं। गतवर्ष चारधाम व हेमकुंड यात्रा पर 50 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे थे। इसके बाद प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में सकारात्मक बदलाव हुए हैं। जहां सड़कों और राजमार्गों की स्थिति में सुधार आया है वहीं, सैलानियों को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में भी सरकार ने कई कदम उठाए हैं, ऐसे में उत्तराखंड में पर्यटन क्षेत्र के जबरदस्त उछाल आने की संभावना है।इस बीच, सर्वेक्षण में कहा गया है कि उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन सेक्टर का 15 फीसदी योगदान है तथा आगे इसमें और इजाफा होने की संभावनाएं हैं।
रिपोर्ट में पर्यटन सेक्टर में महिलाओं का योगदान बढ़ाने पर भी बल दिया गया है। सर्वेक्षण में सरकार ने पर्यटन सेक्टर में जिन 20 लाख नौकरियों की संभावना जताई है, उनमें 30 प्रतिशत योगदान महिलाओं के लिए सुनिश्चित करने की जरूरत बताई गई है।पर्यटन बढ़ाने का लक्ष्य
उत्तराखंड में पर्यटकों की प्रवास अवधि को चार से पांच दिन तक बढ़ाने की जरूरत है। राज्य में पहुंच रहे अधिकांश पर्यटक कम समय के लिए रुकते हैं। इस वजह से राज्य को अपेक्षित आय की प्राप्ति नहीं हो पाती। ऐसे में पर्यटकों को स्थानीय गतिविधियों में इन्वोल्व कर चार से पांच दिन तक राज्य में ही रोके जाने की जरूरत पर जोर दिया गया है।विदेशी पर्यटकों पर जोर
रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यटन सेक्टर से राजस्व को बढ़ाने के लिए विदेशी पर्यटकों पर विशेष फोकस करना होगा। विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में पांच प्रतिशत का इजाफा करने का लक्ष्य रखा गया है। गैर धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने पर भी फोकस करने को कहा गया है।
कर्मियों को प्रशिक्षणउत्तराखंड के पर्यटन सेक्टर में बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इस क्षेत्र में कार्यरत 10 लाख के करीब लोगों के कौशल विकास की जरूरत बताई गई है। इससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही कामगारों की स्थिति में सुधार का भी अनुमान लगाया गया है। साथ ही इससे पर्यटकों में प्रदेश को लेकर अच्छी छवि भी बनेगी।