पेयजल निगम के एमडी के स्टिंग मामले की सीबीआई जॉंच की उठाई मांग
- सरकार क्यों नहीं करा रही एमडी के स्टिंग मामले की जॉंच
देहरादून । जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी.एम.वी.एन. के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि डबल इंजन की जीरो टेलरेंश का नारा देने वाली झूठी सरकार स्टिंग मामले में धरे गये पेयजल निगम के एमडी भजन सिंह को क्यों बचा रही है तथा कहीं इस मामले में ब्लैकमेलिंग करने वालों से सरकार की संलिप्तता तो नहीं है। उन्होंने कहा इसका सीधा-सीधा मतलब है कि सरकार किसी न किसी पशोपेश में है।
ईसी रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में नेगी ने कहा कि माह अगस्त 2017 में हुए स्टिंग प्रकरण को तीन माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन कार्यवाही के नाम पर नतीजा शून्य है। जबकि इस मामले में पेयजल मंत्री प्रकाश पंत द्वारा मुख्यमंत्री को एक पत्र 23 अगस्त 2017 को भेजा गया था लेकिन उस पर सरकार ने कोई कार्रवाही करने के बजाय उसे ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया।
उन्होंने कहा मोर्चा द्वारा स्टिंग आपरेशन से सम्बन्धित दस्तावेजों की जानकारी हेतु मुख्यमन्त्री कार्यालय से दस्तावेज उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया था लेकिन कार्यालय द्वारा यह कहकर पल्ला झाड़ लिया गया कि स्टिंग की कोई पत्रावली अभिरक्षा में नहीं है तथा सम्भवतः पेयजल विभाग अथवा न्याय विभाग के पास हो सकती प्रतीत होती है।
उक्त के पश्चात् मोर्चा द्वारा पेयजल निगम व पेयजल विभाग, उत्तराखण्ड शासन से दस्तावेजों की मांग की गयी, लेकिन उनके द्वारा भी यह कहकर पल्ला झाड़ लिया गया कि पत्रावली उपलब्ध नहीं है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इतने बडे़ भष्टाचार से सम्बन्धित फाईल आखिर किसके इशारे पर रसातल में पहुॅंचा दी गयी और सरकार इन दस्तावेजों को उपलब्ध कराने में क्यों आनाकानी कर रही है। नेगी ने कहा कि महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि मुख्यमन्त्री कार्यालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग को ही जब स्टिंग प्रकरण से सम्बन्धित पत्रावली कहॉं है, को मालूम नहीं है तो जॉंच की कल्पना करना समझ से परे है।
उन्होंने कहा बड़े दुर्भाग्य की बात है कि सरकार शराब, खनन तथा अन्य कार्यों जिसमें व्यक्तिगत स्वार्थ या मोटी कमाई होनी है उन पत्रावलियों पर एक ही दिन में निर्णय ले रही है, लेकिन अपने भ्रष्टाचार के मामले में सॉप सूॅंघ जाता है। जन संघर्ष मोर्चा ने सरकार को आगाह किया कि अगर शीघ्र ही स्टिंग प्रकरण व ब्लैकमेलरों की किसी निष्पक्ष एजेन्सी से जॉंच नहीं करायी गयी तो मोर्चा सरकार के खिलाफ आन्दोलन करेगा। अगर जरूरत पड़ी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जायेगा।
पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, बागेश पुरोहित, प्रभाकर जोशी, समीर दत्ता आदि शामिल रहे।