दिल्ली की जंग से किनारे हए नजीब जंग, दिया LG पद से दिया इस्तीफा
केंद्र सरकार उन्हें ‘ईनाम’ देगी : कुमार विश्वास
नयी दिल्ली : दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. नजीब जंग जुलाई 2013 को दिल्ली के उप-राज्यपाल नियुक्त किए गए थे. जंग ने अपना इस्तीफा केंद्र सरकार को भेज दिया है. नजीब जंग ने इस्तीफ के पीछे निजी वजहों का हवाला दिया।
नजीब जंग के इस्तीफे को लेकर उप-राज्यपाल कार्यालय ने बयान जारी कर दिया है. बयान में कहा गया है कि नजीब फिर से अपने ‘पहले प्यार’ ”शिक्षा” के क्षेत्र में लौटेंगे. नजीब जंग अब सिंगापुर या अमेरिका में शिक्षा संस्थानों से जुड़कर अपनी सेवाएं देंगे. गौरतलब है कि उप-राज्यपाल बनने से पहले नजीब जंग जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति थे. करीब साढ़े तीन साल के अपने कार्यकाल में दिल्ली ने उनके कई रूप देखे. कभी दिल्ली सरकार से जंग करते हुए तो कभी शेरो शायरी करते हुए।
नजीब ने अपने पद से इस्तीफा देने का बाद सबसे पहले दिल्ली की जनता को धन्यवाद कहा. साथ ही जंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया. जंग के इस्तीफे के तुरंत बाद गृह सचिव ने दिल्ली के मुख्य सचिव एम एम कुट्टी से नॉर्थ ब्लॉक में मुलाकात की।
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने एनडीटीवी से बातचीत में नजीब जंग के लिए कहा कि उनका सार्वजनिक तौर पर उन्होंने जिस तरह का रवैया दिखाया, ऐसे वह निजी तौर पर नहीं हैं। लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं है कि एलजी के पद के साथ जो न्याय किया जाना चाहिए था, वह उन्होंने नहीं किया. उन्हें जनादेश का सम्मान करना चाहिए था लेकिन ऐसा न करके उन्होंने दिल्ली सरकार के काम में रोड़े अकटाए। विश्वास ने आगे कहा कि पद की महत्ता को कम करके उन्होंने अपनी छवि को खराब किया। आप सरकार भी जितना काम कर सकती थी, उनके हस्तेक्षप की वजह से वह नहीं कर पाई। कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि नजीब जंग का कार्यकाल स्मरणीय नहीं रहा लेकिन हम शुभकामना देते हैं और उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें उनकी सेवा करने के लिए पुरस्कृत करेगी और उन्हें जरूर कोई लोकतांत्रिक जागीर मिल जाएगी।
वहीं एलजी के सलाहकार अजय चौधरी ने कहा निजी वजहों से ये फैसला लिया है, वो अब एकेडेमिक्स की तरफ लौटना चाहते हैं। उन्होंने अपना इस्तीफा विशेष दूत के माध्यम से भेजा है. उनकी पत्नी और बेटियों के अलावा किसी को पता नहीं था’. उन्होंने कहा कि एलजी ऑफिस के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए भी ये एक आश्चर्य था, क्यों की उन्होंने किसी को नहीं बताया।
इस्तीफे की खबर के बाद केजरीवाल ने जंग से फोन पर बात भी की और उनके इस फैसले के बारे में पूछा. बदले में जंग ने अपने निजी वजहों का हवाला दिया. शुक्रवारो को केजरीवाल नजीब जंग से मुलाकात करेंगे. वहीं आम आदमी पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि जंग साहब को भविष्य की शुभकामनाएं। कठपुतली की डोर जिसके हाथ में है उन्हें भी सद्बुधि दे। जंग साहब के बाद भी जंग जारी रहेगी। जबकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘तमाम खट्टे-मीठे अनुभवों के बावजूद कह सकता हूं कि नजीब जंग साहब के साथ हमने मिलकर दिल्ली के लिए बहुत अच्छा काम किया. भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
दरअसल सियासत में फैसले कई बार चौंकाते हैं लेकिन नजीब जंग ने उस वक्त अपना पद छोड़ा है जब उनके कार्यकाल का करीब साल भर से ज्यादा का वक्त बचा हुआ था। हालांकि नजीब जंग के इस्तीफे की असली वजह से बारे में अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। इस बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई तो वजह होगी जिस कारण नजीब जंग को इस्तीफा देना पड़ा।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे डॉ. नजीब जंग दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति भी रहे. उसके बाद सरकार ने उन्हें दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया था. लेकिन साहित्यिक और शैक्षणिक मिजाज के डॉ. जंग की उपराज्यपाल की पारी विवादों से भरी रही। दिल्ली सरकार और उनके बीच टकराव का एक लंबा सिलसिला भी चला. अब सारे विवादों को पीछे छोड़ डॉ. नजीब जंग अपने अगले पड़ाव के लिए निकल पड़े हैं।