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बढ़ानी होगी उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों मे सैम्पल टेस्टिंग की रफ्तार

पर्वतीय क्षेत्रों में हर रोज हजारों की संख्या में लोग लौट रहे हैं, लेकिन अभी तक उससे मेल खाती सैंपलिंग नहीं की जा रही है

अब करीब दो महीने होने को हैं, इस दौरान एक बड़ी चिन्ताजनक स्थिति यह रही कि राज्य के पर्वतीय जिलों में सैम्पलिंग बहुत कम हुई है 

  • अनूप नौटियाल 
उत्तराखंड में कोविड-19 का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था, अब करीब दो महीने होने को हैं। इस दौरान एक बड़ी चिन्ताजनक स्थिति यह रही कि राज्य के पर्वतीय जिलों में सैम्पलिंग बहुत कम हुई है। 
पिछले कुछ दिनों से विभिन्न मंचों से राज्य सरकार, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से अपील कर रहा हूं कि पर्वतीय क्षेत्रों में टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए। मेरा मानना है ज्यादा टेस्ट होने से मरीजों का आंकड़ा बेशक बढ़ा, लेकिन ऐसा करना बड़ी आबादी को प्रभावित होने से बचाने के लिए बेहद जरूरी है। कम टेस्ट होने से खतरा यह है कि पहचान न हो पाने के कारण कोई संक्रमित व्यक्ति अनजाने में बीमारी फैला सकता है।
आइये, अब देखते हैं की किस पर्वतीय जिले से अभी तक कितने सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए हैं । हम इन्हें आसानी से समझने के लिए तीन श्रेणियों मे बाँट सकते हैं।
कैटेगरी ए में औसतन चार सैंपल प्रतिदिन भेजे गए। उत्तरकाशी से 256 सैंपल भेजे गए। 
कैटेगरी बी में औसतन दो सैंपल प्रतिदिन भेजे गए। अल्मोड़ा से 126 व पौड़ी से 108 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। 
कैटेगरी सी में औसत एक सैंपल प्रतिदिन भेजा गया। इनमें चंपावत – 80, रुद्रप्रायग – 41, टिहरी – 41, बागेश्वर -35, चमोली – 34 तथा पिथौरागढ़ के 28 सैंपल हैं। 
तीनों कैटेगरी में कुुल मिलाकर 749 सैंपल भेजे गए,लेकिन ध्यान रहे कि ये सैंपल भेजे गए हैं, इस टोटल में से अभी 676 सैम्पल्स की जांच हुई है।
जैसा हम सब जानते हैं, चिन्ताजनक स्थिति यह भी है कि लाॅकडाउन-3 के दौरान अपने घरों को जाने के लिए मिली छूट के कारण राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में हर रोज हजारों की संख्या में लोग लौट रहे हैं, लेकिन अभी तक उससे मेल खाती सैंपलिंग नहीं की जा रही है।
मैं राज्य के पर्वतीय जिलों के डीएम/मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के संपर्क में नहीं हूं, न ही इन अधिकारियों के साथ सोशल मीडिया पर जुड़ा हूं। मेरा यह आग्रह संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने में सहायता करें, ताकि राज्य में सैंपलिंग की संख्या बढ़े और लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके।

devbhoomimedia

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