मसूरी LBS अकादमी में अपने अधिकारी को गोली मारने वाला ITBP जवान दोषी करार
देहरादून : आईएएस अकादमी मसूरी में जुलाई 2015 में आईटीबीपी के एक जवान ने अपने एक अधिकारी को गोली मार दी थी, जिससे अफसर की मौत हो गयी थी। इस दौरान एक अन्य जवान घायल भी हुआ था। शनिवार को देहरादून में कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी आईटीबीपी जवान को दोषी करार दिया है। कोर्ट सजा पर अपना फैसला 27 मार्च को सुनाएगी। एडीजे थर्ड अजय चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई।
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (आईएएस अकादमी) में आरोपी कांस्टेबल चंद्रशेखर ने इस घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद वह एक राइफल और 70 कारतूस लेकर भाग गया। बाद में दो दिन बाद कॉन्स्टेबल चंद्रशेखर ने चंडीगढ़ के सेक्टर 34 थाने में सरेंडर किया था। आरोपी को उत्तराखंड पुलिस चंडीगढ़ से ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाई। भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) मसूरी के इस प्रतिष्ठित संस्थान की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। घटना के बाद आईटीबीपी ने तत्काल प्रभाव से एकेडमी को गार्ड कर रही यूनिट को बदलने का निर्णय लिया था।
इस भयावह घटना की शुरूआत तब हुई थी, जब सब-इंस्पेक्टर सुरेंद्र ने आरोपी कांस्टेबल चंद्रशेखर को अनुशासन के मामले में एक दिन की सजा सुनाई थी। माना जा रहा है कि वरिष्ठ अधिकारी के फैसले से नाराज कांस्टेबल ने एक एलएमजी से अपने अधिकारी सुरेंद्र पर गोली चला दी, जिससे उनकी मौत हो गयी। इस दौरान बीच बचाव में आए कॉन्स्टेबल मोहम्मद अख्तर घायल हो गए थे। आरोपी कांस्टेबल चंदशेखर ग्राम हररोट, तहसील जयसिंहपुर कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है। आज कोर्ट ने आरोपी कांस्टेबल चंद्रशेखर को दोषी करार दिया है। 27 मार्च को सजा सुनाई जाएगी।