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पत्रकारों को प्रतिबंधित करने का कांग्रेस करेगी विरोध

  • मनमाने तरीके से किये जा रहे परिसीमन का पुरजोर तरीके से किया जायेगा विरोध : कांग्रेस 

देहरादून । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता व पूर्व काबिना मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा है कि सरकार के द्वारा मनमाने तरीके से किये जा रहे परिसीमन का पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा और इसके लिए कांग्रेस शीघ्र ही आमरण अनशन शुरू करेगी। वहीं पत्रकारों का सचिवालय में प्रवेश प्रतिबंधित करना उनके अधिकारों का हनन है और इसका भी पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा।

कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत में दिनेश अग्रवाल ने कहा है कि लगातार सरकार जन विरोधी निर्णय ले रही है और जिसका जनता के साथ मिलकर पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा। यदि सूचनायें लीक हो रही है तो अधिकारियों पर कार्यवाही की जाये। सरकार के द्वारा मनमाने तरीके से किये जा रहे परिसीमन का पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा और इसके लिए कांग्रेस शीघ्र ही आमरण अनशन करेगी। उनका कहना है कि पत्रकारों का सचिवालय में प्रवेश प्रतिबंधित करना उनके अधिकारों का हनन है और इसका भी पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा। सचिवालय में पत्रकारों का प्रवेश प्रतिबंधित करना लोकतंत्र पर प्रहार है। सरकार को अपने लचर तंत्र को सुधारने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि मीडिया पर पाबंदी भाजपा को शक के दायरे में लाती है।

पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा है कि सरकार को पुनः परिसीमन के मामले पर पुनर्विचार करना चाहिए यह जनविरोधी निर्णय है जिसका विरोध लगातार किया जायेगा। जहां पर जनता सहमत नहीं है वहां कांग्रेस पार्टी जनता के साथ है और जनता को लामबंद करते हुए व्यापक स्तर पर जनांदोलन किया जायेगा।

नगर निकायों में किये जा रहे सीमा विस्तार के पीछे सरकार की मंशा में खोट बताते हुए कहा कि सीमा विस्तार की आढ में ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि खुर्द-बुर्द करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा नगर निकायों का सीमा विस्तार कर पंचायतों का अस्तित्व भी समाप्त किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि पूर्व में किये गये सीमा विस्तार में जिन ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निकायों में शामिल किया गया था उनमें बुनियादी सुविधाओं का आज भी नितांत अभाव बना हुआ है।

सीमा विस्तार से पहले राज्य सरकार को उन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधायें उपलब्ध करानी चाहिऐे जिन्हें पूर्व में सीमा विस्तार कर नगर निगम, नगर निकाय क्षेत्रों में शामिल किया गया है उसके उपरान्त ही पुनः सीमा विस्तार किया जाना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों के सीमा विस्तार के जन विरोधी निर्णय से पूर्व न तो स्थानीय जनता और न ही त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों की ही सहमति नहीं ली गई।

आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद नगर निकायों का सीमा विस्तार सरकार की जन विरोधी नीति का परिचायक है। उन्होंने शंका व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार नगर निकाय क्षेत्रों में पूर्व में किये गये सीमा विस्तार वाले गांवों की कृषि भूमि को खुर्द-बुर्द किया गया उसी प्रकार अब एक बार पुनः प्रदेशभर के नगर निकायों के सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों की कृषि भूमि के खुर्द-बुर्द होने का खतरा बना हुआ है जिसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर विरोध करती है। इस अवसर पर वार्ता में जोत सिंह बिष्ट, अजय सिंह, लालचन्द शर्मा आदि मौजूद थे।

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