वेंकैया नायडू बने उप राष्ट्रपति

नयी दिल्ली : एनडीए प्रत्याशी रहे वेंकैया नायडू देश के 13वें उप राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। एनडीए के अलावा उन्हें विपक्षी दलों के सांसदों का भी समर्थन मिला है। बीजेपी के अनुसार विपक्षी पार्टियों के करीब 24 सांसदों ने उप राष्ट्रपति चुनाव में अपने नेृत्व का निर्देश नहीं माना और नायडू के पक्ष में मतदान किया। नायडू को 516 वोट मिले, हालांकि पहले करीब 495 सदस्यों का समर्थन मिलने की उम्मीद थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री नायडू को 68 फीसदी वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकष्ण गांधी को 32 फीसदी वोट हासिल हुए। विपक्ष के लिए चिंता का विषय यह है कि उसके उम्मीदवार गांधी को राष्ट्रपति पद की उसकी उम्मीदवार मीरा कुमार को मिले वोटों से 19 वोट अधिक है, हालांकि 40 और सांसदों ने उन्हें अपना समर्थन देने की बात की थी। मीरा कुमार को 225 वोट मिले थे, जबकि गांधी को 244 वोट हासिल हुए। बीजद के 28 और जदयू के 12 सांसदों ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का समर्थन करने के बाद उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का साथ दिया।
मतगणना के बाद राजग इस नतीजे पर पहुंचा कि जो 40 वोट विपक्ष के उम्मीदवार को जाने वाले थे उनमें से सिर्फ छह गए, इसका मतलब यह कि उसके पक्ष में बड़े पैमाने पर क्रॉस-वोटिंग हुई है। अधिकारियों के अनुसार 11 वोटों को अमान्य करार दिया गया। कुल 14 सदस्यों ने अलग-अलग कारणों से मतदान में हिस्सा नहीं लिया जिनमें से टीएमसी के चार, बीजेपी, कांग्रेस एवं आईयूएमएल के दो तथा राकांपा एवं पीएमके एक-एक सदस्य शामिल हैं।
विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति चुनाव में जबर्दस्त हार का सामना करना पड़ा लेकिन विपक्ष ने कहा कि गांधी को राष्ट्रपति चुनाव में मीरा कुमार को मिले वोटों से अधिक मत मिले हैं। कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने इस ओर इशारा किया कि विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार को 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में 225 वोट मिले थे जबकि उपराष्ट्रपति चुनाव में गांधी को 244 वोट मिले।
संविधान-राज्यसभा की गरिमा को बनाए रखूंगा: नायडू
एम वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उन्हें वोट देने वाले सांसदों का आभार व्यक्त किया और संविधान एवं संसद के उच्च सदन की गरिमा को बनाए रखने का वादा किया। एनडीए प्रत्याशी नायडू को आज भारत का अगला उप—राष्ट्रपति चुन लिया गया। उन्होंने विपक्षी प्रत्याशी गोपालकष्ण गांधी के खिलाफ दो-तिहाई वोट हासिल किया। प्रधानमंत्री और समर्थन देने के लिए सभी पार्टी नेताओं का आभार व्यक्त करते हुये नायडू ने कहा, राष्ट्रपति के हाथों को मजबूत करने और उपरी सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए मैं उप राष्ट्रपति की संस्था का उपयोग करना चाहता हूं। उप राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं। उन्होंने कहा, एक साधारण किसान के परिवार से उप-राष्ट्रपति बनना मेरे लिए सम्मान की बात है। यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती और मजबूती है।
छात्र नेता से उपराष्ट्रपति बनने तक वेंकैया नायडू का सफर
देश के नए उपराष्ट्रपति चुने गए एम वेंकैया नायडू की राजनीतिक यात्रा छात्र जीवन से ही शुरू हो गई थी और वह सियासत के कई सोपान तय करते हुए आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं। एक जुलाई 1949 को आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले के छवतपलम में जन्मे वेंकैया नायडू की पहचान हमेशा एक ‘आंदोलनकारी’ के रूप में रही है। वह 1972 में ‘जय आंध्र आंदोलन’ के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए।
जेल गए थे आपातकाल के दौरान
1974 में आंध्रप्रदेश में जयप्रकाश नारायण छात्र संघर्ष समिति की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के संयोजक रहे। उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से प्रभावित होकर आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष में हिस्सा लिया और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। आपातकाल के बाद वे 1977 से 198० तक जनता पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष रहे।
भाजपा के दो बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे
नायडू भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहने के अलावा अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे। उन्होंने मोदी सरकार में शहरी विकास मंत्रालय के अलावा संसदीय कार्य मंत्री और सूचना प्रसारण मंत्रालय का भी कामकाज संभाला।
बड़ी खबर: वेंकैया नायडू चुने गए भारत के 13वें उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति-PM तीनों एक ही विचारधारा के
राजनीतिक सक्रियता और कुशल वक्तृत्व की बदौलत वेंकैया नायडू 1978 और 1983 में नेल्लोर जिले के उदयगिरि विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए और कुछ ही समय में आंध्रप्रदेश में भाजपा का चेहरा बन गए। वह 1996 से 2000 तक भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे। जना कृष्णमूर्ति के बाद वह 2002 में भाजपा के अध्यक्ष बने।
राज्यसभा के लिए चार बार चुने गए
28 जनवरी 2004 को वह फिर इस पद के लिए निर्विरोध चुने गए लेकिन उसी वर्ष लोकसभा चुनाव में भाजपा नित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की हार के बाद उन्होंने 18 अक्टूबर 2004 को अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। नायडू कनार्टक से 1998 में राज्यसभा के सदस्य रहने के बाद 2004 और 2009 में फिर संसद के उच्च सदन के लिए चुने गए। वह 29 मई 2016 को राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने गए।
वैंकया के नाम उल्लेखनीय कार्य का रिकॉर्ड रहा ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में
ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सुधारों को तेजी से लागू किया तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना समेत कई अन्य योजनाएं भी शुरू कीं। नायडू का संबंध हालांकि दक्षिण भारत से है लेकिन वह हिन्दी में भी धाराप्रवाह भाषण देने की क्षमता रखते हैं। उन्हें इस साल 17 जुलाई को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था।
PM मोदी सहित अन्य राजनीतिक हस्तियों ने दी बधाई
वैंकया नायडू के उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतते ही उनके गांव नेल्लूर से लेकर दिल्ली तक जश्न का माहौल रहा। लोगों ने मिठाइयां बांटकर एक दूसरे को शुभकामनाएं दी और पटाखे फाेड़कर खुशियां मनाई। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी लोगों ने जमकर पटाखे फाेड़े। दिल्ली में भी जश्न मनाया गया। हैदरादाबाद में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने खूब पटाखे छोड़े। दिल्ली में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में वेंकैया ने दो तिहाई से अधिक वोट प्राप्त करते हुए विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण गांधी को पराजित किया। वेंकैया नायडू को 516 वोट मिले जबकि गोपाल कृष्ण गांधी को 244 वोट प्राप्त हुए, चुनाव अधिकारी शमशेर के शरीफ ने इसकी जानकारी दी ।
वैंकया नायडू ने BJP और PM मोदी के प्रति जताई कृतज्ञता
उन्होंने कहा कि मैं कृतार्थ हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सभी पार्टी नेताओं का समर्थन देने के लिए आभारी हूं। मैं उपराष्ट्रपति संस्था का उपयोग राष्ट्रपति के हाथ मजबूत बनाने के लिए करूंगा और उपरी सदन की मयार्दा को कायम रखूंगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने पर वेंकैया नायडू को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि वेंकैया नायडू उपराष्ट्रपति के रूप में पूरी लगन और समर्पण के भाव से राष्ट्र की सेवा करेंगे और राष्ट्र निमार्ण के लक्ष्य के प्रति समपर्ति रहेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दी बधाई
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एम वेंकैया नायडू को उपपराष्ट्रपति निर्वाचित होने पर शुभकामनाएं देते हुए उन्हें उच्च सदन के कुशल संचालन में कांग्रेस पार्टी की ओर से सहयोग देने की पेशकश की। सोनिया ने नायडू को बधाई देते हुए कहा, ‘भारत में उपराष्ट्रपति का पद उच्च सदन को निष्पक्ष ढंग से चलाने में निष्पक्ष भूमिका निभाने के कारण एक महत्वपूर्ण चुनौती होती है। उच्च सदन बुद्धिमत्ता से भरा सदन होता है और सरकार को समझदारी भरी सलाह देता है।’
देश के तीनों सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर RSS की पृष्ठभूमि के लोग
उप राष्ट्रपति पद पर वेंकैया नायडू के निर्वाचन के साथ सभी शीर्ष निर्वाचित पदों पर अब भाजपा नेता आसीन हो गए हैं। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष पर पार्टी काबिज हो गई है। इस तरह संसदीय इतिहास में भाजपा ने अब पूरी तरह से कांग्रेस की जगह ले ली है।
तीन साल पहले लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा ने दो दिन पहले राज्यसभा में कांग्रेस को हटाकर सबसे बड़ी पार्टी का तमगा भी हासिल किया। साल 2014 से 2017 के बीच भाजपा ने जबरदस्त राजनीतिक सफलता हासिल की है। उसकी राज्य सरकारों की संख्या भी इस दौरान बढ़कर 18 राज्यों तक पहुंच गई है, जहां उसके अपने मुख्यमंत्री (13 राज्य) है या वह सरकार में शामिल हैं। खास बात यह है कि इन तीन सालों में कांग्रेस को लगातार झटके लगे हैं। उसने पहले लोकसभा चुनाव में सरकार गंवाई और उसके बाद इस साल हुए राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव में भी उसे हार का सामना करना पड़ा। राज्यसभा के इतिहास में तो वह पहली बार दूसरे नंबर पर पहुंची है।
तीन दशकों से ज्यादा समय तक अटल-आडवाणी की पार्टी रही भाजपा की कमान अब मोदी और शाह के नए नेतृत्व के पास है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि केंद्र में सत्ता में भाजपा पहले भी रही है, लेकिन लोकसभा में अपना स्पष्ट बहुमत, सभी शीर्ष निर्वाचित संवैधानिक पदों पर पहुंचना और उससे भी ज्यादा राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनना बड़ी उपलब्धि है। इसमें यूपी की बड़ी जीत शामिल है। राज्यसभा के लिए राज्यों को जीतना जरूरी होता है और यह भाजपा के देशव्यापी विस्तार को स्पष्ट करता है।
बीजेपी की राज्यसभा में बढ़ेगी और ताकत
उच्च सदन में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनाने का श्रेय मध्य प्रदेश से उपचुनाव में जीती संपतिया उईके को मिला है। राज्यसभा में भाजपा की ताकत में अगली साल और बढ़ोतरी होगी। आगामी विधानसभा चुनावों में सफलता मिलने पर एनडीए को 2019 तक उच्च सदन में भी बहुमत हासिल हो सकता है। संगठन के स्तर पर भी भाजपा ने बड़ी छलांग लगाते हुए 11 करोड़ सदस्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने का दावा भी किया है। वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि भाजपा अपनी इस सफलता को आने वाले विधानसभा चुनाव में तो प्रचारित करेगी ही साथ ही उन राज्यों में भी जड़े मजबूत करेगी, जहां वह अभी कमजोर है।