मुख्यमंत्री ने UPCL के एमडी को दिए ट्रिपल रिले घोटाले पर जांच करने के आदेश
खरीद उनकी नियुक्त होने से पहले की : एमडी
देहरादून । उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा के प्रबंध निदेशक की कुर्सी सँभालने की बाद पहली बार निगम में रिले खरीद में गड़बड़झाले के मामले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के आदेश से पहले ही उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने जांच बैठा दी है । हालाँकि मंगलवार को मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला आ जाने के बाद उन्होंने भी मामले की जांच के लिए एमडी को जांच करने के निर्देश दिए हैं ।
गौरतलब हो कि ट्रिप रिले भारी बारिश, तूफान, बिजली चमकने की हालत में अपने आप ही बिजली की सप्लाई रोक देता है। इससे नुकसान की आशंका कम हो जाती है।मामले में एमडी बीसीके मिश्रा ने सोमवार देर शाम ही मामले की जांच की आदेश देते हुए निदेशक परिचालन अतुल अग्रवाल को जांच अधिकारी बना दिया जो मामले की बारीकी से जांचकर अपनी रिपोर्ट प्रबंध निदेशक को सौपेंगे। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीँ उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन के सामान की खरीद में गड़बड़ी के मामले में अगस्त्यमुनि में मंगलवार को सीएम रावत ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है, जिसकी जांच की जायेगी। पॉवर कॉपरेशन अधिकारियों की मिली भगत से ट्रिप रिले में लाखों की गड़बड़ी की गई है। विकट परिस्थितियों में बिजली सप्लाई अपने आप कट करने के लिए लगने वाले ट्रिप रिले की खरीद में धांधली सामने आई है।जिसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
मामला सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के खुलासे से सामने आयी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली घरों के पैनल्स में लगने वाली ट्रिप रिले बाजार भाव से अधिक दरों पर खरीदने की बात सामने आई है। बाजार में रिले की कीमत करीब 23 हजार रुपये है, जबकि निगम ने 180 रिले की खरीद करीब 36 हजार रुपये की दर से की है । इतना ही सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए टेंडर में भी गड़बड़ की गई। सिंगल टेंडर आने पर सप्लायर को ऑर्डर दे दिया गया।
मामले में यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा का कहना है कि यह खरीद उनकी नियुक्त होने से पहले की है। उनके कार्यकाल में अभी तक एक भी रिले की खरीद नहीं की गयी है। उन्होंने कहा इस तरह बातें विभिन्न माध्यमों से संज्ञान में आई तो जांच बैठा दी गयी है और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि रिले की खरीददारी अधिशासी अभियंता स्तर से जरूरत के आधार पर की जाती है। जांच के बाद सब कुछ सामने आएगा कि कहां-कहां खरीद हुई और किस प्रक्रिया के तहत की गयी है और इसके लिए कौन दोषी है।