World News

चंद्रयान-2 चांद के और करीब पहुंचा

  • 20 अगस्त को उपग्रह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा

  • 31 अगस्त तक वह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा

बेंगलुरु  : चंद्रयान-2 उपग्रह गुरुवार की रात सफलतापूर्वक चंद्रमा की तरफ और एक कदम बढ़ गया। अंतरिक्षयान पर लगे प्रणोदन प्रणाली के जरिए गुरुवार-शुक्रवार की रात एक बजकर आठ मिनट पर दूसरी बार उपग्रह की कक्षा को बदलते हुए उसे सफलतापूर्वक पृथ्वी की अगली कक्षा में प्रवेश कराया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि कक्षा बदलने की यह प्रक्रिया लगभग 15 मिनट तक चली।

इसरो के मुताबिक अंतरिक्षयान के सभी पैरामीटर सामान्य तरीके से काम कर रहे हैं। चंद्रयान-2 अब पृथ्वी की कक्षा में 251 गुणा 54,823 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंच गया है। इस कक्षा में उपग्रह 29 जुलाई तक परिक्रमा करेगा। 29 जुलाई को ही दिन में ढाई से साढ़े तीन बजे के बीच चंद्रयान-2 की कक्षा को तीसरी बार बदला जाएगा और उसे प्रणोदन प्रणाली से पृथ्वी की अगली कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा।

22 जुलाई को प्रक्षेपण के करीब 16 मिनट 23 सेकेंड बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी की कक्षा में 170 किलोमीटर की ऊंचाई पर जीएसएलवी-मैक 3 रॉकेट से अलग हो गया था और चक्कर लगा रहा था। बुधवार 24 जुलाई को पहली बार उपग्रह को पृथ्वी की अगली कक्षा में भेजा गया था। शुक्रवार को दूसरी बार उसके कक्षा में बदलाव किया गया। छह अगस्त तक अभी और दो बार चंद्रयान-2 की कक्षा (ऑर्बिट) को बदला जाएगा।

चंद्रयान-2 पृथ्वी की कक्षा से 14 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा की तरफ रवाना होगा। 20 अगस्त को उपग्रह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। उसके बाद 31 अगस्त तक वह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। एक सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग होकर चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ बढ़ जाएगा। सात सितंबर को विक्रम लैंडर दक्षिण ध्रुव पर उतरेगा। विक्रम लैंडर के उतरने के कुछ घंटे बाद रोवर प्रज्ञान उससे बाहर आएगा और चांद की सतह पर तमाम खोज कार्य शुरू करेगा। दक्षिण ध्रुव पर उतरने वाला भारत दुनिया का पहला देश होगा। अभी तक चंद्रमा के इस क्षेत्र में कोई देश नहीं पहुंच पाया है।

चंद्रयान-2 पर दुनिया भर की नजर : चांद पर अभी तक तीन देशों रूस, अमेरिका और चीन के मिशन ही उतर पाए हैं। चांद पर अपना मिशन लैंड कराने वाला भारत चौथा देश होगा। इसलिए नासा समेत दुनिया भर की नजर चंद्रयान-2 की दक्षिण ध्रुव पर लैंडिंग पर लगी है। चंद्रयान-2 से मिलने वाली जानकारियां अहम हैं। अमेरिका 2024 तक दक्षिण ध्रुव पर अपना मानव मिशन भेजने वाला है, इसलिए उसे चंद्रयान-2 से मिलने वाली जानकारियों का बेसब्री से इंतजार है, ताकि उसके हिसाब से वो अपने मिशन में बदलाव कर सके।

क्या-क्या पता लगाएगा : भारत के पहले मून मिशन चंद्रयान-1 से चांद पर पानी होने का पता चला था। अब चंद्रयान-2 यह पता लगाएगा कि कहां-कहां और किस रूप में पानी है। माना जा रहा है कि दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ के रूप में भारी मात्र में पानी मौजूद है। इसके अलावा वहां के मौसम और रेडिएशन का पता लगाने के साथ ही चंद्रयान-2 यह भी पता लगाएगा कि वहां किस हिस्से में और कब-कब रोशनी होती है और कब-कब अंधेरा छाया रहता है।

Dev Bhoomi Media

तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे

Related Articles

Back to top button
Translate »