- किसी भी पद के लिए 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता: याचिका कर्ता
- सरकार ने 70 फीसद कर दिया आरक्षण
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल : राज्य के सात नगर निगमों (रुड़की को छोड़कर ) में मेयर पद के लिए राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी आरक्षण का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में दायर जनहित याचिका पर (आज)शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। मेयर पद को लेकर हाई कोर्ट में दायर याचिका ने सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है।
अधिवक्ता डीके त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने सात नगर निगमों में मेयर पद के लिए आरक्षण का निर्धारण गलत तरीके से किया है। सरकार ने रुड़की को छोड़कर देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी, कोटद्वार नगर निगमों का चुनाव करा रही है।
इन सात निगमों में से मेयर के लिए पांच पदों को आरक्षित कर दिया गया, जबकि दो पद अनारक्षित हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में साफ किया है कि आरक्षण किसी भी पद के लिए 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता, मगर सरकार ने आरक्षण 70 फीसद कर दिया है। जो असंवैधानिक है। लिहाजा आरक्षण नए सिरे से तय किया जाय। इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। मेयर पद को लेकर आरक्षण के खिलाफ याचिका ने सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है।