वर्तमान नियमों के तहत, शुरुआत में निलंबन आदेश 60 दिन का होगा
उसे एक बार में 120 दिनों (चार महीने) के लिए बढ़ाया जा सकेगा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: अदालतों से भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए गए आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अफसरों के निलंबन आदेश की अब कोई समीक्षा नहीं होगी। केंद्र सरकार ऐसे दागी अफसरों को कोई मौका देने के मूड में नहीं है, लिहाजा सरकार ने नियमों में बदलाव का प्रस्ताव किया है।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस संबंध में अखिल भारतीय सेवाओं (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 में संशोधन करने का फैसला किया है। यह भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा अधिकारियों पर लागू होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘कार्मिक मंत्रालय ने सेवा नियमों में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है ताकि भ्रष्ट अधिकारियों को सरकार में वापस आने की अनुमति ही न मिले।
इस संबंध में डीओपीटी ने केंद्रीय गृह मंत्रलय और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रलय को पत्र लिखा है जो क्रमश: आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों के काडर नियंत्रण प्राधिकारी हैं। इसके साथ ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भी पत्र लिखकर इस प्रस्ताव पर उनकी टिप्पणियां मांगी गई हैं। वर्तमान नियमों के तहत, शुरुआत में निलंबन आदेश 60 दिन का होगा और उसे एक बार में 120 दिनों (चार महीने) के लिए बढ़ाया जा सकता है। संबंधित समीक्षा समिति की सिफारिश पर सक्षम प्राधिकारी निलंबन आदेश की समीक्षा भी कर सकता है।