UTTARAKHAND

भाजपा को झटका, CM हरीश रावत का स्टिंग CD प्रचार के दौरान दिखाने पर लगी रोक

देहरादून  : विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के बहुचर्चित स्टिंग ऑपरेशन को चुनाव प्रचार का ब्रहमास्त्र मानकर चल रही भाजपा को झटका लगा है। पार्टी ने निर्वाचन आयोग से स्टिंग के कुछ हिस्सों को प्रचार के दौरान पब्लिक को दिखाने की अनुमति मांगी थी। आयोग ने यह कहकर इनकार कर दिया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इसको दिखाए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

भाजपा ने स्टिंग के जरिये प्रचार अभियान को गरमाने की योजना बनाई थी। उसने संकेत दिए थे कि वह सीएम के स्टिंग को जन-जन तक ले जाएगी। इसके लिए पार्टी ने करीब छह मिनट की एक सीडी तैयार की है, जिसे पार्टी के प्रचार रथों में इस्तेमाल किया जाना है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने इस सीडी को परीक्षण के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) को भेजा था।
कमेटी ने स्टिंग की सीडी को आचार संहिता के मानकों पर परखा और पाया कि प्रकरण चूंकि न्यायालय में विचाराधीन है, लिहाजा इसका प्रसारण उचित नहीं होगा। आयोग के फैसले के हिसाब से चुनाव प्रचार में स्टिंग दिखाने के भाजपा के अरमानों पर पानी फिर गया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी  राधा रतूड़ी  के अनुसार  भाजपा ने चुनाव में विज्ञापन फिल्म दिखाने की अनुमति मांगी है। फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर एमसीएमसी को परीक्षण के लिए कहा गया था। कमेटी ने स्टिंग के दृश्यों को न्यायालय में विचाराधीन मानते हुए हटाने की सलाह दी है।

वहीँ निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से बेरोजगारी भत्ता कार्ड जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। आयोग के इस फैसले से कांग्रेस के प्रचार को झटका लगा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत के पक्ष में चुनावी हवा बनाने के लिए पीके की टीम ने बेरोजगारी भत्ता कार्ड जारी करने की अनुमति मांगी थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने प्रस्ताव को आचार संहिता की कसौटी पर परखने के निर्देश दिए थे। प्रस्ताव को समीक्षा के लिए एमसीएमसी भेजा गया था। समिति ने बेरोजगारी भत्ता कार्ड को प्रलोभन की श्रेणी में मानते हुए अनुमति देने इनकार कर दिया है।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »