सुमाड़ी भरदार के आपदा प्रभावितों ने किया चक्काजाम
मांगे न मानी तो करेंगे विधानसभा चुनाव का बहिष्कार
प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप
एलएण्डटी से मिली धनराशि से सुमाड़ी को रखा वंचित
मांगे न मानी तो फिर से करेंगे चक्काजाम
सुमाड़ी में सड़क व नाली के बुरे हाल, पेयजल की समस्या और सुरक्षा दीवार का भरान न होने से जनता में आक्रोश
उप जिलाधिकारी के आने बाद दो घंटे बाद खुला चक्काजाम
रुद्रप्रयाग । 16-17 जून 2013 को मंदाकिनी नदी में हुई तबाही से बेघर सुमाड़ी भरदार के आपदा पीड़ितों ने सुमाड़ी मुख्य बाजार में चक्काजाम कर शासन-प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुये तिलवाड़ा-मयाली-घनसाली मोटरमार्ग पर दो घंटे तक यातायात जाम लगाया और जाम लगने के कारण मोटरमार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। जिससे आम जनता को भारी परेषानियों का सामना करना पड़ा। बाद में उप जिलाधिकारी देवमूर्ति यादव के मौके पर पहुंचने और आपदा पीड़ितों से वार्ता करने के बाद ही जाम खुल पाया। आक्रोषित आपदा प्रभावित एवं स्थानीय जनता ने कहा कि शासन-प्रशासन ने समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं किया तो चक्काजाम फिर से किया जायेगा और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जायेगा।
16-17 जून 2013 को केदारनाथ में हुई तबाही के बाद मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ने से सुमाड़ी भरदार के 30 परिवार बेघर हो गये थे। केदारघाटी में सिंगोली-भटवाड़ी जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य कर रही एलएण्डटी कंपनी ने कुंड से तिलवाड़ा तक के आपदा पीड़ित के लिये प्रषासन को चार करोड़ से अधिक की धनराषि सौंपी, लेकिन प्रषासन ने एलएण्डटी से मिली मुआवजा राषि को कुंड से सिल्ली, विजयनगर, तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, बेडूबगड़, गंगानगर, चन्द्रापुरी के आपदों पीड़ितों को ही बांटी और सुमाड़ी के आपदा पीड़ितों को छोड़ दिया। सुमाड़ी भरदार के आपदा पीड़ितों ने कई बार मुख्यमंत्री के साथ ही षासन-प्रषासन और कंपनी को अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। चक्काजाम स्थल पर पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता भरत सिंह चैधरी ने कहा कि प्रषासन की लापरवाही के कारण सुमाड़ी के आपदा प्रभावित परिवारों को एलएण्डटी के मुआवजे से वंचित रखा गया है और प्रषासन को आपदा से प्रभावित छूटे परिवारों की सूची एलएण्डटी को सौंपकर धन उपलब्ध कराना चाहिये। उन्होंने कहा कि आपदा के तीन साल बाद भी प्रषासन ने सुमाड़ी की समस्याओं को अनसुना किया, जिस कारण जनता में भारी आक्रोष है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुमाड़ी भरदार के आपदा पीड़ितों ने सुमाड़ी मुख्य बाजार में स्थित तिराह में एकत्रित हुये और षासन-प्रषासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुये तिलवाड़ा-मयाली-घनसाली मोटरमार्ग पर जाम लगा दिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि षासन-प्रषासन और एलएण्डटी कंपनी ने सुमाड़ी भरदार के आपदा पीड़ितों की उपेक्षा की है। कुंड से नीचे मंदाकिनी नदी में भयावह बाढ़ एलएण्डटी कंपनी के डंपिंग जोन के मलबे के कारण आई है। कंपनी के मलबे के कारण चन्द्रापुरी, बेडूबगड़, सिल्ली, विजयनगर, अगस्त्यमुनि, तिलवाड़ा, सुमाड़ी सहित अन्य स्थानों के हजारों आपदा पीड़ित बेघर हो गये। जिसके बाद कंपनी ने आपदा पीड़ितों को देने के लिये चार करोड़ की सहायता राषि प्रषासन को सौंपी। प्रषासन ने यह सहायता राषि चन्द्रापुरी, बेडूबगड़, गंगानगर, विजयगनगर, अगस्त्यमुनि, सिल्ली और तिलवाड़ा के आपदा पीड़ितों को वितरित की, लेकिन सुमाड़ी भरदार के किसी भी आपदा पीडित को सहायता राषि नहीं दी गई। जबकि सुमाड़ी भरदार में आपदा के कारण कई लोग बेघर हो गये थे। आपदा पीड़ितों ने कहा कि प्रदेष के मुख्यमंत्री हरीष रावत, जिलाधिकारी और एलएण्डटी कंपनी के अधिकारियों से भी मुआवजा देने की मांग की गई, लेकिन आज तक किसी भी आपदा पीड़ित को मुआवजा नहीं मिल पाया। जिस कारण मजबूरन आपदा पीड़ितों को चक्काजाम करने के लिये बाध्य होना पड़ रहा है। सुमाड़ी में पेयजल के लिये जनता को दर-बदर भटकना पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से सुमाड़ी में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। विभागीय अधिकारियों को कई बार अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई विभाग की और से नहीं की गई। इतना ही नहीं सुमाड़ी में मोटरमार्ग के किनारे निकासी नालियां न होने से गंदगी के अंबार लगे रहते हैं। जिस कारण आम जनता एवं व्यापारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आपदा पीड़ितों ने कहा कि षासन-प्रषासन हर मामले में सुमाड़ी भरदार की उपेक्षा कर रहा है, जिसे बर्दाष्त नहीं किया जायेगा। आपदा पीड़ितों ने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि ष्रीघ ही आपदा पीड़ितों को मुआवजा देने के साथ ही सुमाड़ी में सुचारू पेयजल आपूर्ति और मोटरमार्ग के किनारे नालियों का निर्माण कार्य नहीं किया जाता है और सिंचाई विभाग ने सुरक्षा दीवार का निर्माण तो किया, लेकिन भरान न होने के कारण खतरा बना हुआ है। जनता ने कहा कि सिंचाई विभाग को भरान के साथ सुरक्षा के लिये दीवार का निर्माण करना चाहिये।
दो घंटे तक जाम लगने के बाद उप जिलाधिकारी जखोली देवमूर्ति यादव मौके पर पहुंचे और उन्होंने आक्रोषित आपदा पीड़ितों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन आपदा पीड़ित नहीं माने। आपदा पीड़ित मुआवजा देने की मांग पड़ अड़े रहे। बाद में जब उप जिलाधिकारी ने एलएण्डटी कंपनी से वार्ता करने और आपदा पीड़ितों को मुआवजा देने का आष्वासन दिया तो इसके बाद आपदा पीड़ितों ने जाम खोला। इस मौके पर भाजपा प्रदेष कार्यसमिति के सदस्य वाचस्पति सेमवाल, सामाजिक कार्यकर्ता चिरंजीव प्रसाद सेमवाल, सुमाड़ी आपदा संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रेमलाल आर्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य नरेन्द्र कंडारी, प्रबल सिंह रावत, रामप्रसाद बडोनी, धर्म सिंह राणा, राजेन्द्र प्रसाद डिमरी, कुलदीप कंडारी, मुकेष कंडारी, भूपेन्द्र राणा, अजय राणा, राजी देवी राणा, जसदेई देवी कंडारी, कस्तूरा देवी राणा, षाखा देवी बुटोला, कांती देवी जगवाण, हेमंती देवी, ओमप्रकाष बहुगुणा, पूर्व प्रधान बस्ती लाल आर्य, व्यापार संघ अध्यक्ष विक्रम सजवाण, जसपाल बुटोला सहित सैकड़ों उपस्थित थे।