बदरीनाथ के कपाट खुलने से पहले राजमहल से तेल कलश बदरीनाथ रवाना

ऋषिकेश : नरेंद्रनगर राजमहल से गाडू घड़ा (तेल कलश) यात्रा ऋषिकेश के लिए रवाना हुई। ऋषिकेश पहुँचने पर जीप में सजाकर रखे गए गाडू घड़ा का स्वागत समिति द्वारा पारंपरिक तरीके से नटराज चौक पर स्वागत किया गया। इसके साथ ही श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे पहले महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह की मौजूदगी में सुहागिनों ने सुबह भगवान बदरी विशाल को चढ़ाने के लिए तिलों का तेल निकाला।
इससे पहले शनिवार को राज पुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने सुबह 11 बजे राजमहल में विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके बाद महाराजा टिहरी मनुजयेंद्र शाह व महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह के हाथों तेल निकालने के लिए मुहूर्त निकाला गया।
ओखल पूजन के बाद सुहागिनों ने तिलों को पीसकर उनका तेल निकाला।
इस तेल को कलश में भरकर शाम को महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने उसकी पूजा-अर्चना की। इसी के साथ कलश यात्रा ऋषिकेश के लिए रवाना हुई। रविवार सुबह यात्रा ऋषिकेश से अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान करेगी और छह मई को सुबह बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। इसी दिन कपाट खुलने बाद कलश को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।
अनुष्ठान का साक्षी बनने बड़ी संख्या में नरेंद्रनगर समेत आसपास के गांवों से लोग राजमहल पहुंचे थे। इस मौके पर राजकुमारी शिरजा, प्रतापगढ़ की पूर्व सांसद रत्ना सिंह भी मौजूद थी।
गौरतलब हो कि देश के प्रसिद्ध चार धामों में से एक श्री बदरीनाथ धाम के कपाटोद्घान आगामी छह मई को ब्रह्ममुहूर्त में 4.15 बजे होंगे । वसंत पंचमी पर नरेंद्रनगर राजमहल में विधि-विधान के साथ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि निकाली गई थी । पूजन-अर्चन और हवन के साथ राजपुरोहित कृष्ण प्रसाद उनियाल व संपूर्णानंद जोशी ने पंचांग गणना कर शुभ मुहूर्त तय किया।