फूलों की घाटी में लगे थे कैमरे
दुर्लभ वन्य जीवों की संख्या में इजाफा
जोशीमठ : शीतकाल के दौरान विश्व धरोहर फूलों की घाटी की सुरक्षा के लिए लगाए गए ट्रैप कैमरों में कई दुर्लभ वन्य जीवों की तस्वीरें कैद हुई हैं। इन तस्वीरों को देख नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन उत्साहित हैं। पार्क के वन क्षेत्राधिकारी दीपक रावत का कहना है कि फूलों की घाटी में इस बार दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। यह पशु-पक्षी प्रेमियों के साथ ही वन महकमे के लिए भी सुखद है।
विदित हो कि शीतकाल के दौरान फूलों की घाटी में पर्यटकों की आवाजाही बंद हो जाती है। इस दौरान मौके का फायदा उठाकर वन्य जीव तस्कर इस क्षेत्र में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी करने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। फूलों की घाटी में दुर्लभ कस्तूरा मृग, मोनाल, स्नो लेपर्ड समेत कई वन्य प्राणियों का वास है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शीतकाल में सुरक्षा के मद्देनजर नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन की ओर से फूलों की घाटी में छह ट्रैप कैमरे लगाये गए थे।
इसी सप्ताह पार्क की टीम ने ट्रैप कैमरों से चिप निकालकर उसका निरीक्षण किया। इन कैमरों में दुर्लभ कस्तूरी मृग, भूरा हिरण, भूरा भालू, मोनाल, गुलदार, भूरी लोमड़ी समेत कई वन्य जीव और दुर्लभ प्रजाति के परिंदों की तस्वीरें कैद हुई हैं। पार्क प्रशासन का मानना है कि इस बार फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क में दुर्लभ वन्य जीवों की संख्या में इजाफा हुआ है। हालांकि, इस बार ट्रैप कैमरों में स्नो लेपर्ड नहीं दिखाई दिया। पिछले वर्ष स्नो लेपर्ड भी कैमरों में कैद हुआ था। वन क्षेत्राधिकारी दीपक रावत ने स्नो लेपर्ड न दिखने को चिंताजनक माना है।