बदरीनाथ 19 नवंबर और केदारनाथ 21 अक्टूबर को शीतकाल के लिए होंगे बंद
देहरादून : श्री बदरीनाथ के कपाट आगामी शीतकाल के लिए 19 नवंबर को और केदारनाथ के कपाट 21 अक्टूबर को बंद होंगे। शनिवार को विजयदशमी पर्व के अवसर परम्परानुसार बदरीनाथ के कपाट के बंद होने का मुर्हूत निकाला गया । निकाले गए मुर्हूत के अनुसार बदरीनाथ के कपाट शीतकाल आगामी 19 नवंबर को सायं 7:28 मिनट पर बंद होंगे। अगले छह महीने तक भगवान बदरीनाथ की पूजा-अर्चना नृसिंह मंदिर जोशीमठ में होगी।
वहीँ बाबा भगवान केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 21 अक्टूबर को सुबह आठ बजे वृषक लग्न में बंद होंगे। जबकि पंच केदारों में प्रमुख स्थान रखने वाले भगवान तुंगनाथ के कपाट 27 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे वृषक लग्न में बंद होंगे।
विजयादशमी पर्व के अवसर पर शनिवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि तय हो गई है। बदरीनाथ के कपाट 19 नवम्बर 2017 को बंद होंगे। शाम 7 बजकर 28 मिनट पर इसका मुहूर्त तय हुआ है। ।
उल्लेखनीय है कि मध्य हिमालय के नर -नारायण पर्वतों के बीच स्थित भगवान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट इस बार यात्रा काल के लिए छह मई को ब्रह्मबेला में शुभ मुहूर्त पर वैदिक मंत्रोचारण के साथ खुले थे।इस बार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कपाट खुलने के अवसर पर उपस्थित रहे थे।
वहीं दूसरी ओर दशहरे पर्व पर ही मद्महेश्वर धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित हो गई है। मद्महेश्वर के कपाट आगामी 22 नवम्बर को प्रातः 8:30 बजे वृषक लग्न में मदमहेश्वर के कपाट बंद होंगे। इसी दिन मद्महेश्वरकी चल विग्रह डोली रात्रि प्रवास को गौण्डार गांव पहुंचेगी। यहाँ से दूसरे दिन चलने के बाद 23 नवंबर को चल विग्रह डोली रात्रि प्रवास को राकेश्वरी मन्दिर रासी आएगी। जबकि 24 नवम्बर को चल विग्रह डोली रात्रि प्रवास को गिरीया गांव पहुंचेगी। वहीँ अगले दिन 25 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान हो जाएगी ।
इस दौरान उखीमठ में 24 नवम्बर से 26 नवम्बर तक त्रिदिवसीय मदमहेश्वर मेला लगेगा।
इसके अलावा दशहरे पर्व पर तुंगनाथ मंदिर के कपाट बन्द होने की तिथि घोषित हुई है। तुंगनाथ के कपाट 27 अक्टूबर को 10:30 बजे वृषक लग्न में कपाट बन्द होंगे। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली 27 अक्टूबर को चोपता पहुंचेगी।अगले दिन 28 और 29 अक्टूबर को चल विग्रह डोली रात्रि प्रवास भनकुण्ड में रहेगी । वहीँ 30 अक्टूबर को चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में आगामी ग्रीष्मकाल तक के लिए रहेगी इस दौरान बाबा तुंगनाथ की पूजा विधिविधान से यहीं की जायेगी।