- पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के बाद अब राजनाथ सिंह पहुंचे रिमरिख बार्डर
- सीमा चौकियों तक आना जवानों से रूबरू होकर उनकी समस्या जानना एक अच्छी पहल
- गृहमंत्री और मुख्यमंत्री पहुंचे भारत चीन सीमा की अग्रिम चौकी रिमखिम और लफथल
- आईटीबीपी के शस्त्र पूजा कार्यक्रम में लिया भाग
क्रांति भट्ट के साथ देवभूमि मीडिया ब्यूरो बद्रीनाथ /जोशीमठ
जोशीमठ : बुराई पर अच्छाई की जीत के उत्सव पर शनिवार को भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह भारत चीन सीमा पर भारतीय सीमा चौकियों लफतल और रिम खिम में ” हिमबीरों ” ( चीन सीमा पर डटे आई बी पी के जवानो ) से मुलाकात की । राजनाथ ऐसे दूसरे गृहमंत्री हैं जो रिमखिम चौकी तक पहुंचे हैं । इससे पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी रिमरिख गये थे । लेकिन वे वहां उतरे नहीं उन्होंने हवाई दौरा किया था ।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड में चीन से लगी भारत की 400 किमी से अधिक सीमा है । जिस पर बर्फीले और पठारी इलाके पर हमारे जवान दिन रात बेहद विपरीत परिस्थितियों में सीमा रक्षा करते हैं । हमारी अन्य सीमा चौकियां भी हैं इस इलाके में । जो सीमा पार से दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखती है । पर सबसे बड़ी बात यह है कि चीन सीमा पार अपनी सीमा चौकियों तक सारे संसाधन खड़े कर चुका है । उसने भारत के निकट तक अच्छी सडकें और ज्ञानिमा तक ट्रेन ला चुका है । जिसके सापेक्ष भारत अभी तक वो संसाधन खड़े नहीं कर पाया जो करने चाहिए थे। हांलाकि भारत सीमा तक जरूरी संसाधन पहुंचा रहा है और ऐसी कोई अभाव की स्थिति भी नहीं है । लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है । हमारी क्या तैयारी है सीमा के बारे में सब कुछ मीडिया में बयां नहीं होना चाहिए । जैसा कि अक्सर होता है अपने देश में । युद्ध और सैनिक कूटनीति को टीवी पर बयां किया जाता है । हम सीमा के लोग हैं । हमें सैकेंड डिफेंस लाइन द्वितीय रक्षा पंक्ति कहा जाता है संकट काल में हो या सामान्य स्थिति में । हम अपनी तैयारियों और सीमा गोपनीयता बयां नहीं कर सकते ।
भारत के गृहमंत्री का इस इलाके में सीमा चौकियों तक आना जवानों से रूबरू होकर उनकी समस्या जानना एक अच्छी पहल है । बडाहोती पर चीन कई बार हरकत कर चुका है । इसी वर्ष उसके दो हैलीकाप्टरो के हमारी सीमा पर चक्कर लगाने घटना हुयी । बडाहोती में निरीक्षण करने गये हमारे अधिकारियों को इशारे से वापस जाने कै कहा । बडाहोती और अन्य ऊपरी इलाकों में हमारे चरवाहों को वापस जाने को कहा। बडाहैती हमारा है पर पूर्व में हुई हमारी गलती और चीन की धृष्टता से चीन बडाहोती को नो मैन्स लैंड होने का कुतर्क देता रहा है । ऐसी स्थिति में रामनवमी और विजया दशमी पर भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी का हिमबीरों आई टी बी पी के जवानों मिलना उनकी पीठ थपथपाना निसंदेह अच्छी बात है।
भारत चीन सीमा पर अंतिम चौकी रिमखिम और लफथल पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री
शनिवार को केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को सेना के विशेष विमान से गृहमंत्री राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ भारत चीन सीमा पर अंतिम अग्रिम चौकी रिमखिम और लफथल पहुंचे, जहां पर गृहमंत्री ने जवनों के साथ चाय नाश्ता किया। सरहदों के हालात के बारे में जानकारी प्राप्त की।
रिमखिम में गृहमंत्री ने कहा कि आईटीबीपी के जवानों द्वारा आज पूरे देश में बहुआयामी भूमिका निभायी जा रही है। उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा, आन्तरिक सुरक्षा हो या कोई प्राकृतिक आपदा घटित हो, आईटीबीपी के जवानों द्वारा पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमवीरों को जो भी जिम्मेदारी दी जाती है वे उनका वखूवी निर्वहन करते है जिसपर देश को गर्व है।
लफथल में आइटीबीपी के जवानों से बातचीत के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा चौकियों में जवानों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। गृहमंत्री ने जवानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि आइटीबीपी जवानों के साथ बातचीत करने के बाद विश्वास कर सकते हैं कि दुनिया की कोई भी शक्ति उन्हें भारत की सीमाओं की रक्षा करने से नहीं रोक सकती है।
वहीं गृहमंत्री रिमखिम और लफथल से लौटकर सुनील आइटीबीपी कैंप से आइटीबीपी के औली स्कीइंग पर्वतारोहण संस्थान के कार्यक्रम में शिरकत किया । गृहमंत्री शनिवार को यहीं रात्रि विश्राम भी करेंगे।
गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने शनिवार को सुनील में प्रथम वाहिनी आईटीबीपी मुख्यालय में आयोजित रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। स्वास्थ्य विभाग चमोली के निर्देशन में आयोजित इस रक्त दान शिविर में बल के 50 जवानों ने रक्तदान किया। गृहमंत्री ने कहा कि आईटीबीपी के जवान जहां एक ओर सरहदों की सुरक्षा कर रहे हैं तो वहीं रक्त दान जैसी पुनीत कार्य कर देश दुनिया को एक सुखद संदेश दे रहे है। गृहमंत्री ने आईटीबीपी की ओर से आयोजित शस्त्र पूजा कार्यक्रम में भी शिरकत की।
इस अवसर पर आईटीबीपी के डीआईजी संजय सिंह, गंभीर सिंह चौहान, कमाण्डैन्ट विक्रांन्त थपलियाल, डा हीरा सिंह, जिलाधिकारी आशीष जोशी, एसपी त्रृप्ती भट्ट, चिकित्साधिक्षक डा विराज शाह आदि मौजूद रहे।
गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने सुनील-जोशीमठ में आईटीबीपी द्वारा आयोजित शस्त्र पूजा कार्यक्रम में लिया भाग
वहीँ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को बद्रीनाथ पहुॅचकर बीआरओ के विश्रामगृह में केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इसके बाद गृहमंत्री व मुख्यमंत्री ने रिमखिम, जोशीमठ एवं औली में आईटीवीपी कैम्प में जवानों के साथ मुलाकात कर दशहरा एवं दीपावली पर्व की बधाई दी। गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री ने सुनील-जोशीमठ में आईटीबीपी द्वारा आयोजित शस्त्र पूजा कार्यक्रम में भाग लिया तथा निःशुल्क चिकित्सा शिविर व रक्तदान शिविर का निरीक्षण भी किया। गृहमंत्री ने दशहरा पर्व पर रिमखिम, सुनील-जोशीमठ तथा औली में जवानों से मुलाकत कर खुशी जाहिर करते हुए उनकी हौसला अफजाई की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की पत्नी ने आईटीबीपी के जवानों को विजयदशमी के पर्व पर टीका लगाकर बधाई दी।
विजयदशमी पर्व के अवसर पर आईटीबीपी कैम्प सुनील-जोशीमठ में आयोजित कार्यक्रम में गृहमंत्री ने शस्त्र पूजा कार्यक्रम में भाग लिया। जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा हमारे आईटीबीपी के जवानों ने विकट परिस्थितियों में भी कठिनाईयों एवं ऊंचाई पर विजय प्राप्त की है। 1962 से लगातार हमारे आईटीबीपी के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे है। उन्होंने कहा कि दुनियां की कोई भी ताकत हिमवीरों को देश की सीमाओं की सुरक्षा करने से रोक नही सकती। उन्होंने कहा कि जवानों को स्नो स्कूटर, अच्छी क्वाल्टी की गाडियां, गर्म कपडे व अन्य सुविधाऐं भी उपलब्ध करायी जा रही है। बताया कि सीमा पर तैनात जवानों को अपने परिवार के साथ बात करने के लिए सस्ती दर पर बीएसएनएल सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास भी किये जा रहे है। डोकलाम विवाद पर पत्रकारों के सवालों का जबाव देते हुए गृहमंत्री ने बताया कि सकारात्मक सोच के साथ डोकलाम विवाद को सुलझाया गया है।
गृहमंत्री ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर निवास कर रहे देश के नागरिकों के लिए केन्द्र सरकार हर सम्भव सहायता देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सीमांत गांवों से पलायन को रोकने के लिए ठोस प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने आईटीबीपी के जवानों को भी सीमा पर रहने वाले नागरिकों को दोस्त बनाकर उनके अन्दर विश्वास जगाने को कहा। गृहमंत्री ने सीमांत क्षेत्रों में बार्डर एरिया डेबलपमेंन्ट (बीएडीपी) के तहत संचालित कार्यो की भी सराहना की तथा बीएडीपी के तहत दी जाने वाली धनराशि को दोगुना करने की बात कही। कहा कि राज्य के 5 जिलों के 9 ब्लाकों में बीएडीपी के तहत कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। बताया कि बीएडीपी के तहत देश में 27 सड़के स्वीकृत थी जिसमें से 10 सड़के अकेले उत्तराखण्ड राज्य के लिए स्वीकृत की गयी है तथा दूसरे चरण में भी राज्य के लिए अन्य सड़के स्वीकृत की जायेंगी। उन्होंने सड़क निर्माण के कार्यो में तेजी लाने पर भी जोर दिया।
गृहमंत्री ने आईटीबीपी के जवानों तथा सीमा पर रह रहे सभी नागरिकों को दशहरा व दीपावली पर्व की बधाई व शुभकामनाऐं दी। उन्होंने जोशीमठ सुनील में आईटीबीपी की प्रथम वाहनी को खाने के लिए 2 लाख की धनराशि भी दी। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र की महिलाओं को साडियां एवं बच्चों को स्कूल बैग व खेल सामग्री भी वितरित किये। आईटीबीपी की प्रथम वाहिनी सुनील, जोशीमठ की ओर से केन्द्रीय गृहमंत्री एवं मुख्यमंत्री को विजयदशमी के अवसर पर प्रतीक चिन्ह एवं शाॅल भेंट किया।
इस अवसर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य आगमन पर केन्द्रीय गृहमंत्री का प्रदेश की ओर से हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया। आईटीबीपी कैम्प में जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में प्रदेश के शहीद जवानों के आश्रित को राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरी प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सीमांत क्षेत्रों के गांवों में आय के साधन बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं।अच्छी किस्म के अखरोट एवं चिलगोजे के 4 लाख पेड़ लगाये जाने की योजना बनायी गयी है, जिसके तहत देहरादून में नर्सरी विकसित की गयी है तथा 2 सालों में ये सभी पौधे सीमांत क्षेत्रों में नर्सरी से ट्राॅन्सप्लांट किये जायेंगे। इसके साथ ही दो ईको टास्कफोर्स कम्पनी बनाने का फैसला किया गया है जिसमें भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती की जाएगी।