दर्शकों को भा गई आंचलिक फिल्म ‘गोपी-भिना’
जगमोहन ”आज़ाद”
पहाड़ के लोक परिवेश,लोक संस्कृति और पहाड़ के जन-जीवन के बीच से बुनी गयी अनमोल प्रोड्क्शन की धमाकेदार उत्तराखंडी फिल्म गोपी-भिना ने दर्शकों के दिलों में कुछ ही दिनों में जगह बना ली है। ‘गोपी-भिना’ पहाड़ के लोक उत्सव की एक ऐसी कहानी हैं। जो पहाड़ की लोक संस्कृति,पहाड़ की जीवन शैली और पहाड़ के जीवन में फैली हंसी-ठिठोलियों के साथ दर्शकों को गुदगुदाते हुए…बड़े पर्दे पर..कामयाबी के नये मुकाम पर बढ़ रही है। गोपी-भिना को बड़े पर्दे पर जिस तरह से हेमंत पांडे और हिमानी शिवपुरी ने जीवंत किया है। उसे पहाड़ी सिनेमा के लिए नये अध्याय की तरह देखा जा रहा है।
अनमोल प्रोड्क्शन के तत्वाधान में माधवानंद भट्ट एवं मीनाक्षी भट्ट ने उत्तराखडी सिनेमा के फलक पर गोपी-भिना के माध्यम से जो कहानी उकेरी है। वह यकीनन पहाड़ी सिनेमा के लिए शुभकारी है। गोपी-भिना एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है। जो इस पहाड़ से उस पहाड़….इस गांव से उस गांव तक खुशियां बांटता है,जीवन के सुख-दुःखों के मिजाज को अपने मिजाज के हिसाब से लोगों तक पहुंचाता है। उसके झोले में कभी सुख तो कभी दुःख आते है…लेकिन वह उन्हें अपने पात्र के हिसाब से जीवंत बना देता है। इस जीवंनत्ता को बखूबी बड़े पर्दे पर जिया हैं, हेमंत पांडे और हिमानी शिवपुरी ने…गोपी-भिना पहाड़ के एक ऐसे रिश्ते के बीच का ताना-बाना भी हैं,जो पहाड़ के जीवन में हंसी-ठिठोली के मायनों को गंभीरता प्रदान करते हुए…दर्शकों के दिलों में उतर जाता है।
गोपी-भिना के मूल पात्र को हेमंत पांडे ने जिस गंभीरता से अपने चेहरे पर उकेरा है। वह यकीनन एक गंभीर अभिनय को गंभीर पहाड़ के रूप में ढाल देता है। जिसका श्रेय निर्माता-निर्देशक को तो जाता ही हैं,साथ ही उस कलाकार को भी जाता हैं। जो अपनी भाषा-बोली के साथ इस पात्र को खुद में समाहित कर..दर्शकों को हसाता हैं…तो रूला भी देता है…पोस्टमैन के पात्र को हेमंत पांडे ने बड़े पर्दे पर जिस तरह से जीवंत किया हैं,वह सच में पहाड़ी सिनेमा को नयी दिशा देते हुए भी दिखाई देता है…और इस सब के बीच ईश्वर के माध्यम से गोपी को मिला वरदान ने गोपी के पात्र में चार –चांद लगा देत है। जो दर्शकों को सिर्फ गुदगुदाता ही नहीं हैं,बल्कि एक गंभीर चिन्तन के लिए भी आमंत्रित भी करता है।
अपने जमाने के मशहूर अभिनेता अशोक मल्ल ने जिस तरह से हास्या और पहाड़ी लोक परंपराओं को अपनी कलम से उकेर कर निर्देशित किया है। यह उनकी वास्तविक जिवटता का परिचय भी देता हैं कि पहाड़ के एक साधारण पात्र को उन्होंने बहुत ही खूबी के साथ बड़े पर्दे पर उकेर दिया है। जिसे उतनी ही खूबी से हेमंत पांडे और हिमानी शिवपुरी ने खुद में उकेरा हैं…गोपी-भिना के पात्र को लेकर हेमंत पांडे बताते हैं…कि मेरे लिए ये फिल्म सबसे यादगार फिल्मों में है,क्योंकि मेरा सपना था कि मैं अपने राज्य और गृह जनपद को लेकर कोई फिल्म तैयार करूं…जो सपना अनमोल प्रोडक्शन की बदौलत साकार हो गया है…यकीनन यह पहाड़ सिनेमा के लिए नये युग की शुरूआत कही जा सकती है।
गोपी-भिना में पहाड़ के युवा दिलों में राज करने वाले चॉकलेटी अभिनेता संजय सिलोड़ी भी नयी भूमिका में हैं। उन्होंने अपनी डॉंस छवि से हटकर अपने भीतर के अभिनेता को..गोपी-भिना में नये रूप में बड़े पर्दे पर उतारा है। जिसको दर्शक हमेशा की तरह पसंद कर रहे हैं। संजय ने अपने पात्र को बड़े पर्दे पर खुलकर जिया हैं,जो संजय की चॉकलेटी छवि को गंभीर अभिनेता के रूप में निखार रहा…।
हिन्दी,गुजराती और मराठी फिल्मों से पहाड़ी फिल्मों में नयी भूमिका में आयी मॉडल और अभिनेत्री त्विशा भट्ट ने अपनी चुलबुली अदाओं और खूबसूरती से दर्शकों को बांधे रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं,यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं कि मुंबई जैसे माहानगर में रहने के बाद भी वह अपनी बोली,अपनी संस्कृति से जुडी हैं और उसे उन्होंने अपनी भूमिका में बखूबी निभाया हैं। इसी का परिणाम हैं कि बड़े पर्दे पर त्विशा की मेहनत पहाड़ के मूल रूप में दिखाई दे रहे हैं,इस लिए कह सकते हैं कि त्विशा भट्ट की पहाड़ी फिल्मों में एंट्री…भविष्य में पहाड़ी फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्रियों के लिए,एक नया परिवेश बनने जा रहा है।
संजय कुमौला के संगीत में सजे गीत…जो होलू….और हमरा उत्तराखंड मां..दिल को छू जाते है…..जिन्हें अपनी आवाज से संजोया हैं…. पवनदीप राजन, गोविंद दिगारी, पप्पू कार्की, फौजी ललित मोहन जोशी, प्रहलाद मेहरा ने गोपी-भिना को अपने कैमरे के में उकेरा हैं…कुलदीप मिश्रा ने,फिल्म में हेमंत पांडे,हिमानी शिवपुरी के अलावा रोहन कापड़ी, हेमराज बिष्ट, विक्रम, सोनी, यशवंत मेहरा आदि की भी प्रमुख भूमिका है। गोपी-भिना में प्रोडक्शन मैनेजर के तौर पर जगजीवन कन्याल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं…उनकी मेहनत का फलक निश्चित तौर पर गोपी-भिना में साफ तौर पर दिखता भी है।
पहाड़ी खूबसूरती और लोक नृत्यों,लोक गीतों से सजी गोपी-भिना ने अपने रिलीज के पहले ही सप्ताह में सफलता के कई रिकॉर्ड छू लिए हैं…यह निश्चित तौर पर अनमोल प्रोडक्शन टीम की मेहनत का नतीजा हैं कि वह सिपैजी के बाद…एक और दमदारा फिल्म..गोपी-भिना लेकर आए है। जिसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है।
आपको बता दें कि पिथौरागढ़ में अनमोल प्रोडक्शन के बैनर तले बनी बड़े पर्दे की उत्तराखण्डी फीचर फिल्म…गोपी भिना.. का प्रिमियर शो 16 दिसंबर को स्थानीय राजकीय संग्रहालय के प्रेक्षा गृह में रखा गया था। जिसमें उत्तराखंड की पहली लोक-गायिका कबूतरी देवी के साथ उत्तराखंड सहित देश की कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद थी। जिनका गोपी-भिना के बारे में एक मत था कि…यह उत्तराखंडी सिनेमा के लिए एक नये युग की शुरूआता हैं,जिसका भविष्य सुफल और सफल है।
अगर आप पहाड़ी जन-जीवन,पहाड़ी लोक परिवेश,पहाड़ी लोक नृत्य और पहाड़ी लोक उत्सवों से रू-ब-रू होना चाहते हैं…तो आप गोपी-भिना देखने जरूर जाएं…जो बहुत जल्द आपके शहर के सिनेमा घरों तक भी पहुंचने वाली है।