PITHORAGARH

शहीद हुआ एक और उत्तराखंड का लाल, गांव में सन्नाटा

मौसम की खराबी के चलते नहीं पहुंचा शहीद हुए जवान का पार्थिव शरीर 

मुख्यमंत्री  ने जताया शहादत पर गहरा दुःख 

गंगोलीहाट/पिथौरागढ़ :   जम्मू-कश्मीर के पुंछ स्थित कृष्णा घाटी सेक्टर में देश की सरहद की रक्षा करते गंगोलीहाट के लाड़ले पवन सिंह सुगड़ा ने शहादत दे दी। यह खबर देर शाम गांव के लोगों तक पहुंची तो घरों में सन्नाटा छा गया। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह पवन के घर वालों को इस विपत्ति की जानकारी दे सके। हर किसी की आंखों में अपने लाड़ले पवन का मासूम चेहरा तैरने लगा। मानो वह अभी-अभी नजरों से ओलझ हुआ हो। गांव के लोग बताते हैं कि एक माह पूर्व ही वह अवकाश बिता कर जम्मू में देश की हिफाजत का फर्ज निभाने गए थे। जवान पवन काफी मिलनसार और मृदुल स्वभाव का होने के कारण सभी के चहेते थे। लोग उनकी बातें, उनके अंदाज को याद कर फफक पड़ रहे हैं। 

गांव के बुजुर्ग पूर्व जिला पंचायत सदस्य केशर सिंह सुगड़ा कहते हैं कि तहसील मुख्यालय गंगोलीहाट से 26 किमी दूर स्थित उनके गांव में अब भी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी गांव के नौजवान फौज में भर्ती होने के लिए शिक्षा एवं फिटनेस बनाए रखने में पूरी जान लगा देते हैं। गांव का नौजवान फौज में ही अपना भविष्य देखता है।

मंगलवार देर शाम जैसे ही गंगोलीहाट के सुगड़ी (बेलपट्टी) के लाल शहीद पवन सुगड़ा के शहीद होने की सूचना मिली, घर में कोहराम मच गया। आसपास के लोग परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंच गए। जैसे ही कोई परिजन शहीद के घर पहुंचता, शहीद की मां देवकी देवी, पिता दान सिंह और भाई धीरज, अविवाहित बहन वंदना उनसे लिपट जाते और दहाड़ मारकर रो पड़ते।

गंगोलीहाट के सुगड़ी (बेलपट्टी) के लाल शहीद पवन सुगड़ा (21) के घर में कोहराम मचा है। परिजनों के करुण क्रंदन से माहौल बेहद गमगीन हो गया। शहीद का पार्थिव शरीर मौसम खराब होने के कारण बुधवार को उनके घर नहीं पहुंच पाया। पार्थिव शरीर सेना मुख्यालय बरेली में रखा गया है, जो बृहस्पतिवार को सुगड़ी लाया जाएगा। 

पवन के पार्थिव शरीर के इंतजार में दिनभर लोग रहे। मौसम की खराबी के कारण हेलीकॉप्टर सुबह जम्मू से उड़ नहीं पाया। मौसम ठीक होने के बाद अपरान्ह करीब चार बजे पार्थिव शरीर बरेली पहुंचा। पिथौरागढ़ सैन्य मुख्यालय में सैन्य टुकड़ी शव का इंतजार करती रही।

शाम को करीब पांच बजे मौसम खराबी के कारण हेलीकॉप्टर के न आ पाने की सूचना मिली। बताया गया कि बृहस्पतिवार सुबह 9 बजे शहीद का पार्थिव शरीर पिथौरागढ़ पहुंचेगा। पिथौरागढ़ से सड़क मार्ग से शहीद का पार्थिव शरीर सुगड़ी ले जाया जाएगा।

सूचना मिलने पर लोगों ने परिजनों को किसी तरह संभाला। शहीद के पिता, भाई बार-बार यही कहते कि खेलने, कूदने की उम्र में पवन संसार से चला गया। उसके बगैर वह लोग कैसे रह पाएंगे।

शहीद पवन सुगड़ा के बड़े भाई उत्तराखंड पुलिस में कार्यरत धीरज सुगड़ा का कहना था कि सरकार को सैनिकों को अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराने चाहिए। उन्होंने पासआउट होने के मात्र तीन महीने बाद नियंत्रण रेखा पर तैनाती पर भी सवाल उठाया। कहा कि बार्डर पर अनुभवी जवानों की तैनाती होनी चाहिए।

धीरज रोते हुए कह रहे थे कि हमारा भाई तो चला गया, अन्य के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।। शहीद के पिता पूर्व सैनिक दान सिंह कह रहे थे कि सरकार पाकिस्तान को करारा सबक सिखाए तभी उनके दिल की आग ठंडी पड़ेगी।

वहीँ मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जम्मू कश्मीर में तैनात पिथौरागढ़ निवासी पवन सिंह सुगड़ा की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। 
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए उत्तराखंड का एक और लाल सीमा पर शहीद हुआ है। उन्होंने पिथौरागढ़ निवासी पवन सिंह सुगड़ा की शहादत पर उनको कोटि कोटि नमन करते हुए कहा कि उनकी संवेदनाएं शहीद के परिजनों के साथ हैं। प्राण की हानि को तो पूरा नहीं किया जा सकता लेकिन हमारी सरकार शहीद के परिजनों की हर संभव मदद करेगी। शहीद पवन ने अपने परिवार, प्रदेश और देश का सर गर्व से ऊँचा कर दिया है। 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »