देहरादून : चीन की सीमा पर सुरक्षा चौकसी और आपदा के मद्देनजर वायुसेना ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर बड़े स्तर पर अभ्यास किया। इस दौरान दो लड़ाकू सुखोई विमानों सहित वायु सेना का सी-17 मालवाहक विमान ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट के रनवे पर लैंडिंग और टेकऑफ किया।वायु सेना का यह अभ्यास उत्तराखंड में आपदा के दौरान रसद सामग्री पहुँचाने की दृष्टि से महत्वूर्ण माना जा रहा है।
वायु सेना के इन विमानों ने एक नहीं बल्कि दो-दो बार दोनों विमान रनवे पर उतरे और टच करने के बाद फिर आसमान में उड़ान भर गए। बताया जा रहा है कि दोनों विमान यहां से पहाड़ों की ओर उड़ गए और चीन सीमा के आसमान के इलाका जायजा लेकर वापस लौट गए। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के सूत्रों के मुताबिक दोनों विमानों ने हिंडन एयरबेस से उड़ान भरी थी। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा के मद्देनजर वायुसेना ने यह अभ्यास किया। सुबह करीब सवा दस बजे अचानक आसमान में लड़ाकू विमान मंडराने से लोग हैरत में भी पड़ गए। लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं होती रही।
कुछ देर बाद जब विमान लौटने लगे तो लोगों को बात समझ में आई। सुरक्षा कारणों से इस बार में एयरपोर्ट प्रबंधन के अफसर कुछ भी आधिकारिक जानकारी नहीं दे रहे हैं। उधर, जौलीग्रांट एयरपोर्ट में गुरुवार को एक और हवाई सेवा का विस्तार हुआ। शाम करीब 7: 29 बजे सी-17 एयरफोर्स के मालवाहक विमान ने एयरपोर्ट पर लैंडिंग की। एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक इस मालवाहक विमान से भारी मात्रा में रसद लायी और ले जायी जा सकेगी। पहाड़ में प्राकृतिक आपदा के दौरान यह मालवाहक विमाल मील का पत्थर साबित होगा। सेना को भी इससे व्यापक लाभ मिलेगा।