Narendra Singh negi : स्वास्थ्य लाभ के बाद गढ़ रत्न कु पैलु कविता पाठ
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : लोकगायक और उत्तराखंड के लोगों की धड़कन के रूप में विख्यात नरेंद्र सिंह नेगी जी ने बीमारी से उबरने के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक मंच से कविता पाठ किया। कविता में उन्होंने अपने चाहने वालों और उन सभी लोगों को याद किया जिन्होंने उनको उनकी तबियत ख़राब होने के समय उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना भगवान् से की। हमें उनके कविता पाठ का यह वीडियो संजय नौडियाल से मिला है ” देवभूमि मीडिया” उनका शुक्रगुजार है कि उन्होंने हमें यह वीडियो उपलब्ध कराया। कविता का मूल भाव कुछ इस तरह है कि वे यमराज के हाथों से छूट गए हैं और अब स्वस्थ हैं।
सुनिए उनकी कविता उनकी जुबानी ……..
जुगराज रन्या नेगी जी
नरेंद्र सिंह नेगी जी की नई रचना
छुटयूँ छोऊ मी
ज्यूरा का हथ बिटिन
छुटुयूँ छोऊ मि ।
साबूत दिखेंणु छोऊ
भित्र कखी टूटीयूँ छोऊ मि ।।
तुमरा लाड़ प्यारन हिम्मत बढ़े दे ।
यि लड़े मा तुमरा दम पर डटे छोऊ मी ।।
तुमरा उच्याणा दयु धुपाणा
काम कर गैनी ।
वे निरदे आईसीयू मा
अड़गटीयू छोऊ मी ।।
फिर गैरी निंद मा न चल जौ कखी
आँखा खुल्या छिन्न ।
तुमारा सूखिला दिन
देखण उठीयूँ छोऊ मी ।।
………………. नरेंद्र सिंह नेगी