PAURI GARHWAL

Miracle : जब चोरी गयी मूर्ति को चोर वापस रख गया

देहरादून : पौडी के पास इडवालशूं कफलनारे के पास एक गांव है नवोला ( कुँआ ) है। जहाँ के लोग इसका पानी पीकर बडे हुए हैं। पिछले 400 सालों में इस पानी ने प्रकाण्ड पण्डित दिए हैं। क्योकि यह गाँव ब्राहमणों का है।

इस गांव के विनोद नौटियाल बताते है कि उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना है कि मेरे पडपितामाह भूतों से अर्ध रात्रि में हल लगाया करते थे।उसी कड़ी मे यह नवोला भी यक्षो ने बनाया और तभी से इस नावली का नाम ब्रह्मनवोली पड़ा। दूसरी जाति के लोग इस नवोली मे नही जाते क्योकि वो भी इसकी पवित्रता को बनाये रखना चाहते हैं।

इस नवोली के ऊपर दो मूर्ति है ,एक मूर्ति स्थान देवता की है जो एक हाथ मे हमारी रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र और दूसरे हाथ मे ब्राहमण की तपस्या की माला। जबकि दूसरी मूर्ति यक्ष की है जिन्होंने यह नवोली बनाई थी ।

उन्होंने बताया कि यहाँ का नियम है कि इस नवोला से पानी लेने से पहले एक लोटा पानी का अर्ग इन देवता को दिया जाता है।उन्होंने बताया कि पलायन की मार से हमारा भी गाँव खाली हो गया हैं, पिछली बार हम तीनो भाई अपने ईष्टऔर कुल देवताओं की शरण मे गए तो देखा यक्ष की मूर्ति चोरी हो गई थी।

जब मैंने यह बात अपने बडे भाई माता के उपासक श्री रामस्वरूप जी कही तो उन्होने इस बात को समान्य लिया और कहा चिन्ता कोई बात नही चोर को मूर्ति ने अपना अस्त्तिव देखना शूरू कर दिया है। चोर एक दिन मूर्ति वापस रख देगा। उसके बाद अचानक आज यक्ष की मूर्ति को अपने स्थान पर देखकर अपनी जन्म भूमि पर गर्भ हो रहा है।

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