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बढ़ती मंहगाई बावजूद भत्तों में कटौती पर कर्मचारियों ने तरेरी आँखें !

  • लोकसभा चुनाव से येन पहले सरकर की कराई फजीहत !
  • वित्त विभाग के एक ब्यूरोक्रेट के निर्णय ने सरकार को परेशानी में डाला !
  • अधिकारी-कर्मचारी व शिक्षकों का सरकार से आर-पार की लड़ाई का एलान

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । लोक सभा चुनाव से ठीक ठीक पहले सूबे की ब्यूरोक्रेसी ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन के साथ मिलने वाले भत्तों में कटौती कर सरकार के सामने परेशानी पैदा कर दी है। वेतन भत्तों में कटौती के बाद कर्मचारियों में चुनाव से ठीक पहले पनपते रोष को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की क्लास लगायी हैं।  वहीं ब्यूरोक्रेसी के इस निर्णय को लेकर सत्ता के गलियारों में चर्चा चलने  लगी है कि पूर्ववर्ती हरीश रावत सरकार को डुबोने वाला वित्त विभाग का एक सचिव ही लगातार सरकार को गुमराह कर सराकर और कर्मचारियों में खाई पैदा कर रहा है।

वहीं मकान किराये भत्ते में वृद्धि समेत दस सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी व शिक्षकों ने सरकार से आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। मुख्यमंत्री को भेजे आंदोलन नोटिस में उत्तराखंड अधिकारी, कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति ने एलान किया है कि चार फरवरी को प्रदेश स्तरीय महारैली के जरिए से सचिवालय कूच कर सरकार के विरुद्ध प्रदेशव्यापी हड़ताल पर जाने का फैसला लिया जाएगा।इससे पूर्व 31 जनवरी को सचिवालय समेत प्रदेश के समस्त कार्मिक और शिक्षक एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। समिति द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए नोटिस में सरकार को समाधान के लिए 30 जनवरी तक का समय दिया गया है। 

वहीं वेतनभत्तों की नयी नीति लागू एक फ़रवरी से हो रही है इसके बाद अब सरकार और सातवें वेतनमान के साथ पुराने चले आ रहे स्वैच्छिक परिवार कल्याण भत्ता समेत 15 भत्ते अब कार्मिकों को नहीं मिलेंगे। अलबत्ता, पर्वतीय विकास भत्ते समेत दर्जनभर भत्तों को यथावत रखा गया है। नए भत्तों में स्थानांतारण यात्रा भत्ते की पुरानी व्यवस्था बदली गई है। अब जिले के भीतर या बाहर के स्थान पर किमी को बनाया मानक, 50 किमी तक वेतन स्तर का न्यूनतम पांच फीसद और 50 किमी से ज्यादा दूरी होने पर वेतन स्तर का न्यूनतम 20 फीसद एकमुश्त स्थानांतरण अनुदान दिया जाएगा। 

  • वेतनभत्तों में परिवर्तन के बाद यह होंगे देय …

यात्रा भत्ते में मंत्रीगण व मुख्य सचिव व समान रैंक के अधिकारियों के लिए हवाई सेवा बिजनेस क्लास और 10 हजार व उच्च ग्रेड वेतन के लिए इकोनोमी क्लास अनुमन्य, उक्त दोनों की श्रेणियों के लिए रेल सेवा एसी-प्रथम व एक्जीक्यूटिव क्लास व सड़क से एसी बेस सेवा स्वीकृत। -इससे नीचे 4200 ग्रेड वेतन तक रेल सेवा व एसी बस की अनुमति। इससे नीचे वेतन स्तर के लिए रेल सेवा स्लीपर क्लास व द्वितीय श्रेणी, साधारण बस सेवा। 

स्थानांतरण यात्रा भत्ता: वेतन स्तर 16 व उच्च यानी मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और मंत्रिगणों के लिए हवाई सेवा बिजनेस क्लास, रेल सेवा एसी-प्रथम या एक्जीक्यूटिव क्लास, सड़क से एसी बस, सामान प्रति किमी प्रति कुंतल के लिए 60 रुपये की दर तय की गई है। इस श्रेणी में एकमुश्त स्थानांतरण अनुदान 50 किमी तक वेतन स्तर का न्यूनतम पांच फीसद और 50 किमी से अधिक होने पर वेतन स्तर का न्यूनतम 20 फीसद होगा। एक मोटर वाहन या एक मोटर साइकिल, स्कूटर की ढुलाई अनुमन्य होगी। 

-इसी तरह वेतन स्तर 13ए व 15 यानी 10 हजार व अधिक के हवाई सेवा इकोनोमी, रेल सेवा एसी-प्रथम या एक्जीक्यूटिव क्लास या सड़क से एसी बस अनुमन्य, सामान व एकमुश्त स्थानांतरण अनुदान व वाहन ढुलाई में वेतन स्तर 16 की भांति सुविधा। वेतन स्तर 10,11, 12 व 13 यानी 5400 से 8900 ग्रेड वेतन तक और इससे नीचे हवाई सेवा अनुमन्य नहीं है। उक्त श्रेणी में रेल सेवा एसी टू टियर, चीयर कार या सड़क से एसी बस की सुविधा। अन्य सुविधाएं इस श्रेणी से उच्च श्रेणी की भांति। 

वेतन स्तर 6, 7, 8 व 9 यानी ग्रेड वेतन 4200 से 4800 तक रेल सेवा एसी-थ्री टियर, चीयर कार व सड़क से एसी बस की सुविधा। सामान प्रति कुंतल प्रति किमी 30 रुपये की दर, वेतन स्तर 5 व नीचे यानी 2800 व नीचे के लिए रेल सेवा स्लीपर क्लास व द्वितीय श्रेणी, सड़क से साधारण बस सुविधा। 

सामान प्रति कुंतल प्रति किमी 15 रुपये की दर तय। दिल्ली में तैनात राज्य सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों को परिवहन भत्ता: परिवहन भत्ता वेतन मेट्रिक्स लेवल 10 व उससे अधिक के कार्मिकों को 5000 रुपये प्रतिमाह। परिवहन भत्ता वेतन मेट्रिक्स लेवल सात व आठ के कार्मिकों को 2500 रुपये प्रतिमाह परिवहन भत्ता वेतन लेवल छह या उससे नीचे के कार्मिकों को 1000 रुपये प्रतिमाह -चिकित्सा विभाग में क्लीनिकल एलोपैथिक चिकित्सकों को प्रैक्टिस बंदी भत्ता (एनपीए) मूल वेतन का 20 फीसद -आयुष विभाग के आयुर्वेदिक चिकित्सकों को चिकित्सा निषेध भत्ता (एनपीए) मूल वेतन का 15 फीसद -आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस), स्टेट डिजास्टर रिस्पॉंस फोर्स (एसडीआरएफ) को प्रतिमाह मूल वेतन का 10 फीसद और अधिकतम 12500 रुपये जोखिम भत्ता। 

-राज्यपाल, मुख्यमंत्री और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायाधीशों की वैयक्तिक सुरक्षा में तैनात नियमित पुलिस कर्मियों को प्रतिमाह मूल वेतन का 10 फीसद और अधिकतम 12500 रुपये प्रोत्साहन भत्ता। 

  • नए वेतनमान में यथावत रखे गए ये भत्ते ……

पर्वतीय विकास भत्ता, सीमांत विकासखंड भत्ता, वाहन भत्ता, सचिवालय विशेष भत्ता, सचिवालय परिचारकों को विशेष प्रोत्साहन भत्ता, सचिवालय चालकों को विशेष प्रोत्साहन भत्ता, नागरिक उड्डयन निदेशालय उत्तराखंड के पायलटों, अभियंताओं व कर्माचरयिों को देय योग्यता भत्ता, प्रोत्साहन भत्ता, विशेष उड़ान भत्ता व एविएशन भत्ता, पुलिस विभाग में कार्यरत कार्मिकों को अनुमन्य पौष्टिक आहार भत्त, वर्दी एवं धुलाई भत्ता, चिकित्सा विभाग में कार्यरत फार्मासिस्टों को अनुमन्य इंचार्ज भत्ता व धुलाई भत्ता, अति दुर्गम, दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों को विशेष प्रेक्टिस बंदी भत्ता, राजस्व विभाग के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात राजस्व निरीक्षक व राजस्व उप निरीक्षक को स्टेशनरी भत्ता, गोशवारा भत्ता व कार्यालय किराया भत्ता। 

  • इन भत्तों पर चली वित्त विभाग की कैंची …. 

स्वैच्छिक परिवार कल्याण भत्ता, प्रतिनियुक्ति भत्ता, प्रशिक्षण भत्ता, जीपीएफ पासबुक रखरखाव के लिए प्रोत्साहन भत्ता, कैश भत्ता, द्विभाषी भत्ता-कंप्यूटर भत्ता, आइपीएओ भत्ता (कोषागार व उपकोषागार), सचिवालय में तैनाती पर विशेष भत्ता, स्नातकोत्तर भत्ता, राजस्व विभाग के संग्रह अमीनों को लेखन सामग्री भत्ता, लोक निर्माण विभाग के तहत नियोजन, डिजाइन, शोध एवं प्रशिक्षण अन्वेषणालय के लिए विशेष वेतन व सहायक प्रतिपूर्ति भत्ता, अपराध अनुसंधान एवं अभिसूचना विभाग में कार्यरत कार्मिकों को विशेष प्रोत्साहन भत्ता, अवैध खनन निरोधक सतर्कता इकाई में कार्यरत कार्मिकों को विशेष प्रोत्साहन भत्ता, स्पेशल टॉस्क फोर्स को विशेष भत्ता व सतर्कता विभाग में तैनात कार्मिकों को प्रोत्साहन भत्ता।

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