वो कहते है ना भगवान का बटँवारा कभी नही हो सकता आज भलेही भारत- पाकिस्तान अलग क्यो ना हो लेकिन लोगो की आस्था आज भी एक –दूसरे से अटूट लगाव और आस्था है। बता दे की वहां रहने वाले हिंदू और सिख आज भी धार्मिक रूप से भारत से जुड़े हुए हैं।
मन में आस्था लेकर पेशावर के ननकाना साहिब से 48 श्रद्धालु हेमकुंड पहुंचे। ननकाना साहिब गुरुद्वारा लाहौर से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. 550 साल पहले सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का जन्म यहीं हुआ था।और उन्होंने पहली बार यहीं उद्देश्य दिए थे। और ननकाना सिखों का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल में गिना जाता है। गुरु नानक साहिब को पाकिस्तानी गांव के मुस्लिम मुखिया ने इसी स्थान पर जमीन दी थी।
व्यवस्था से खुश दिखे श्रद्धालु हर वर्ष जब हेमकुंड साहिब के कपाट खुलते हैं।तो तब पाकिस्तान के पेशावर ननकाना साहिब से सिख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आते हैं। यहां आकर मत्था टेकते हैं। इस साल भी सिख जत्था आया हुआ है।और इस वर्ष सतेंद्र सिंह, जत्था की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा ट्रस्ट के द्वारा यात्रा की अच्छी व्यवस्था की गई है।यहां आकर मन को काफी खुशी मिली है. गोविंदघाट गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा कराई गई है। तो चमोली पुलिस ने सभी यात्रियों का पंजीकरण किया है। और बताया गया कि 75 और यात्री हेमकुंड आ रहे हैं।