कुम्भ की आस्था से नहीं होगा कोई समझौता : सीएम
मुनीकीरेती व ढालवाला में चल रहे शराब ठेके होंगे बंद
देवस्थानम बोर्ड पर होगा पुनर्विचार, 51 मंदिर होंगे देवस्थानम बोर्ड से मुक्त
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड में शामिल किए गए 51 मंदिरों पर पुनर्विचार किया जायेगा। जल्द ही तीर्थ पुरोहितों की बैठक बुलाई जायेगी। सबके हक-हकूकों का पूरा ध्यान रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि चार धामों के बारे में शंकराचार्यों द्वारा प्राचीन काल से जो व्यवस्था की गई है उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा, उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।
देवस्थानम बोर्ड का गठन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रीत्व कार्यकाल में हुआ था। बोर्ड में चारों धाम समेत 51 मंदिर शामिल हैं। हरिद्वार से लेकर प्रदेशभर में तीर्थ पुरोहितों ने इसका पुरजोर विरोध किया था। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संतों की मांग पर कुंभ क्षेत्र को शराब मुक्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कुंभ क्षेत्र में जहां कहीं भी शराब की दुकानें खुली हैं उनको तत्काल बंद कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह संतों को निराश नहीं करेंगे। जो उनके हाथ में होगा वह करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अखाड़ों के संतों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। अखाड़ों की मांग पर सभी को कुंभ छावनी के लिए भूमि आवंटित हो गई है। सरकार प्रयास करेगी कि अगले महाकुंभ के लिए भी अखाड़ों के संतों के लिए अभी से भूमि चिन्हित कर दी जाए, ताकि संतों को किसी तरह की परेशानी न झेलनी पड़े। सप्तसरोवर, हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल उपवेशन में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ की आस्था से कोई समझौता नहीं किया जायेगा। कुंभ क्षेत्र में शराब की दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी। संतों की मांग पर उन्होंने कहा कि मुनीकीरेती व ढालवाला के शराब के ठेके बंद किये जायेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले अगले कुंभ के लिए 2010 एवं 2021 कुंभ के अनुसार चिन्हित भूमि के अनुरूप अखाड़ों, शंकराचार्यों, महामंडलेश्वर और संत समाज के लिए अभी से भूमि चिन्हित की जाएगी। इसके लिए डिजिटल प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि शपथ लेने के बाद मैंने सबसे पहले हरिद्वार कुंभ की बैठक ली। शिवरात्रि के स्नान पर्व पर हरिद्वार कुंभ में संतो का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।