विवादित क्षेत्र पिलर संख्या 811 में करीब 150 नेपाली नागरिकों की भीड़ ने की जमीन कब्जाने की कोशिश
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
चम्पावत: टनकपुर से लगी भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा में बुधवार शाम विवादित क्षेत्र पिलर संख्या 811 में करीब 150 नेपाली नागरिकों की भीड़ ने एकराय होकर भारत सीमा की जमीन पर कब्जे की कोशिश की। इतना ही नहीं बेखौफ नेपाली नागरिकों ने न सिर्फ विवादित क्षेत्र में 14-15 पक्के पिलर गाड़कर तारबाड़ ही नहीं की बल्कि मौके पर भारतीय भूमि पर पौधरोपण तक भी कर डाला।
विवादित नो मैंस लैंड में नेपाली नागरिकों की ओर से एकाएक पौधरोपण के बाद बुधवार को सीमेंट के पिलर गाड़कर तारबाड़ लगाना शुरू किया तो एसएसबी ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे रुकवाया। जवाब में नेपाली नागरिकों ने भी ब्रह्मदेव के समीप भारत की ओर से शारदा तटबंध में एनएचपीसी की ओर से किए जा रहे बाढ़ सुरक्षा कार्य को भी रुकवा दिया है।
सूचना मिलते ही एसएसबी और कोतवाली पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर नेपाली प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, मगर वे नहीं माने। विवाद बढ़ता देख नेपाल आर्म्ड फोर्स मौके पर पहुंच गई थी। देर शाम तक नेपाली प्रदर्शनकारी मौके पर डटे रहे, जिस कारण अंतरराष्ट्रीय बार्डर पर अचानक तनाव बढ़ गया।
कब्जे की सूचना पर एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट मुरारी लाल, कोतवाल धीरेंद्र कुमार और नेपाल एपीएफ के अधिकारी मौके पर पहुंचे। बार्डर पर बढ़ते तनाव को कम करने के लिए देर शाम तक दोनों देशों के अफसरों के बीच वार्ता का दौर चलता रहा। एसपी लोकेश्वर सिंह का कहना है कि नेपाल प्रशासन कब्जे को हटाने के लिए तैयार है। गुरुवार को फिर नेपाल और भारत के अधिकारियों के बीच वार्ता होगी ताकि मामले का शांतिपूर्ण हल निकाला जा सके।
तारबाड़ के लिए गाड़े गए पिलर अब भी विवादित भूमि पर खड़े हैं। भारतीय अधिकारियों की ओर से कड़ी आपत्ति जताने पर नेपाल के अधिकारियों ने स्थानीय नागरिकों और उच्च स्तर पर वार्ता कर पिलरों को हटवाने का आश्वासन दिया है। इधर, एसएसबी के कमांडेंट आरके त्रिपाठी ने कहा है कि पिलरों को नहीं हटाने की स्थिति में जरूरी कार्रवाई की जाएगी।