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हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा फर्जी शिक्षकों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की ?

हाईकोर्ट ने सरकार से 24 जुमे तक जवाब दाखिल करने के दिए निर्देश

 सरकार ने हाई कोर्ट में दिया जवाब कि अभी चल रही है जांच

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
नैनीताल  : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने वाले अध्यापकों पर हाई कोर्ट  तल्ख़ है। कोर्ट ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी न्यायालय में 24 जून तक दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि इस प्रकरण की जांच चल रही है। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई।
गौरतलब हो कि स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य के प्राइमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में करीब साढ़े तीन हजार अध्यापक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त हैं। इनमें से कुछ अध्यापकों के दस्तावेजों की एसआईटी जांच की गई। इनमें जो नाम सामने आए उनके खिलाफ विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है । इतना ही नहीं याचिका में  कहा गया है कि प्राइमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी पाए गए शिक्षकों को क्लीन चिट तक दे दी गइ है। वहीं याचिका में कहा गया कि ऐसे लोग अब भी पद पर बने हुए हैं, जबकि इन्हे अब तक बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था। याचिकाकर्ता ने इस प्रकरण की एसआईटी जांच कराने की मांग की थी।
वहीं राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है। अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते पाए गए हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को 24 जून तक ऐसे अध्यापकों के खिलाफ की गई कार्रवाही की जानकारी देने के राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं।

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