COVID -19UTTARAKHAND
मंत्रिमंडल बैठक: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य के कई जिले ऑरेंज जोन से रेड जोन में हो सकते हैं तब्दील
विधायकों का 30 फ़ीसदी वेतन भत्ते सरकार की ओर से काटने का निर्णय
सरकार का चला डंडा: अब सभी दायित्वधारियों को मुख्यमंत्री राहत कोष में देना होगा प्रत्येक महीने पांच दिन का वेतन
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : विधायकों के बाद अब सरकार सभी दायित्वधारियों को कोरोना संक्रमण काल तक प्रत्येक महीने में मात्र पांच दिन के वेतन को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करवाने का आदेश पारित कर चुकी है। यह निर्णय शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया है। इस आशय की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री और सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कोविड-19 को लेकर उत्तराखंड कैबिनेट में गंभीरता से चर्चा की गई जोन का निर्धारण किस तरीके से किया जाता है इस बात पर भी गंभीरता से चर्चा की गई, उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम तक उत्तराखंड के कई जिलों के जोन में परिवर्तन किया जा सकता है। उनके अनुसार कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई जिलों के डबलिंग रेट में बृद्धि हुई है लिहाज़ा इसके हिसाब से अब स्वास्थ्य विभाग ऑरेंज जोन से रेड जोन में कई जिलों को शामिल कर सकता है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन भत्ते अब नहीं नहीं कटेंगे , जबकि मुख्य सचिव से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक एक दिवसीय वेतन कोविड-19 फंड में जमा कराएंगे। इस वित्तीय वर्ष में शेष महीनों से एक दिवसीय वेतन कोविड-19 फंड में लिया जाएगा। वहीं सभी विधायकों का 30 फ़ीसदी भत्ते सरकार की ओर से काटने का निर्णय लिया गया है।
वहीं शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए कुछ निर्णय की जानकारी कुछ इस तरह है :-
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रजिस्टरी की नकल लेने के लिए डिजिटलाइजेशन का होगा इस्तेमाल। 2 रुपये प्रति पृष्ठ ओर अधिकतम 100 रु।
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स्वास्थ्य विभाग में नियुक्तियों के लिए 3 महीने का समय पहले निर्धारित किया गया था जिसको बढ़ाकर 1 साल किया गया।
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मेगा इंडस्ट्रियल नीति 2015 में किया आंशिक संशोधन। 31 मार्च 2020 से 2020 जून तक बढ़ाया गया।
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तेरह करोड़ 40 लाख से बनने वाले उत्तरकाशी में कोल्ड स्टोरेज को मंडी परिषद को दी अनुमति।
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सभी दायित्व धारियों का 5 दिन का वेतन प्रत्येक महीने मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराया जाएगा
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मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना को मिली हरी झंडी।
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उत्तराखंड कैबिनेट का फैसला क्वॉरेंटाइन होने वाले सभी राज्य कर्मचारियों को देना होगा क्वॉरेंटाइन का पूरा ब्यौरा उसके बाद ही मिलेगा 28 दिन का भुगतान।
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खनिज नीति 2008 के खंड ‘क’ में किया गया संशोधन। जीएमवीएन के सभी खनिज पट्टों की नीलामी का समय पर एक साल से बढ़ा कर 5 साल किया गया। टेंडर प्रक्रिया में कोई भी आवेदक के नहीं आने पर जीएमबीएन स्वयं पट्टों का संचालन करेगा।
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कोविड-19 में इस्तेमाल होने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज के निदेशक को 1करोड़ रुपए खर्च करने का दिया वितीय अधिकार।
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श्रम सुधार अधिनियम 1926 में किया आंशिक संशोधन। किसी भी उद्योग में यूनियन बनाने के लिए तीस फीसदी कर्मचारियों को मिलेगी अनुमति। एक ही यूनियन होगी मान्य।
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पंचायत राज अधिनियम में किया आंशिक संशोधन, अध्यादेश के जरिए सरकार ने लिया फैसला। जहां ग्राम प्रधान निर्वाचित नहीं हो पाए वहां 6 महीने के लिए प्रतिनिधि को नामित किया जाएगा।
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जिला योजना की बैठक नहीं होने पर राज्य सरकार लाई अध्यादेश। जिला अधिकारी प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन के बाद जिला योजना में होने वाले खर्च का किया जाएगा भुगतान।