PERSONALITY
केदार सिंह फोनिया : अध्येता, नीति नियंता, प्रशासक, उद्यमी और राजनीतिज्ञ


‘‘…. मेरा जीवन संघर्षमय रहा। ऐसा नहीं है कि जीवन – यात्रा की शुरूआत के लिए मुझे किसी चीज की कमी रही हो। लेकिन मार्गदर्शन और संपर्क साधनों की हमेशा कमी रही। इसलिए मुझे स्वयं भटकते हुए इस संघर्षमय जीवन – पद्धति में आगे बढ़ने के लिए रास्ता ढूंढना पड़ा।…. मैं आवश्यकता से अधिक आत्मविश्वासी रहा हूंगा। इसीलिए नौकरी छोड़ना, धन संग्रह के लिए अच्छे अवसरों को ठुकराना मेरी जिन्दगी की आदत सी बन गयी थी। लेकिन ऐसा करने से मैंने सब कुछ खोया भी नहीं था। इस प्रकार की जीवन – शैली से मुझे बहुत कुछ मिला भी है।…. मेरे लिए जिन्दगी में क्या मिला, यह महत्वपूर्ण नहीं है। मेरे लिए तो यह महत्वपूर्ण रहा कि मैंने समाज के लिए क्या किया।’’ पृष्ठ – 22
गांव के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 4 तक पढ़ने के बाद 5 से 7 तक केदार की शिक्षा जोशीमठ में हुई। पारिवारिक परिचित विद्यादत्त जी के साथ आगे की पढ़ाई के लिए जून, 1944 में 9 दिन निरंतर पैदल चलने के बाद गमसाली गांव से पौड़ी पहुंचा 14 वर्षीय केदार पूरे एक साल तक घर वापस नहीं आया। मेसमोर हाईस्कूल, पौड़ी से सन् 1948 में दसवीं ( प्रथम श्रेणी ) एवं डी. ए. वी, देहरादून से सन् 1951 में इंटर ( प्रथम श्रेणी ) करने बाद सन् 1953 में बीएससी और सन् 1955 में ‘प्राचीन भारत का इतिहास एवं भारतीय दर्शन’ विषय में एमए की उपाधि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हासिल की।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.