”मुंबई कौथिग ” दो संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास :केशर बिष्ट
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नवी मुंबई : प्रवासी उत्तराखंडियों के सामाजिक संगठन कौथिग फाउंडेशन की ओर से आयोजित होने वाले ”मुंबई कौथिग” का शुभारंभ हो गया है। नवी मुंबई के नेरूल स्थित रामलीला मैदान में उत्तराखंडियों के ”कौथिग” का यह आयोजन अगले 10 दिनों तक चलेगा। 13 वें वर्ष में प्रवेश कर चुके इस बार के ”कौथिग” को हरिद्वार महाकुंभ पर समर्पित किया गया है। क्योंकि अगले वर्ष महाकुम्भ का आयोजन उत्तराखंड के प्रवेश द्वार हरिद्वार में होगा।जिसमें देश -विदेश के करोड़ों श्रद्धालु पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाएंगे।
शुक्रवार को वासी स्थित उत्तराखंड भवन से मां नंदा राजजात की झांकी और उत्तराखंड के प्रसिद्द छोलिया नृत्य के कलाकारों के दल के साथ प्रवासी समाज के उद्योगपति, फिल्म सितारे व समाजसेवी मौजूद लोग नेरूल के प्रमुख मार्गों से होते हुए कौथिग प्रांगण रामलीला मैदान पहुंचे।
गौरतलब हो कि ”मुंबई कौथिग” का यह 13वां वर्ष है और बीते 13 वर्षों से हर वर्ष इस ”कौथिग” के अगले वर्ष के आयोजन के लिए प्रवासी उत्तराखंडियों सहित उत्तराखंड के सांस्कृतिक और सामाजिक लोगों को इंतज़ार रहता है।
”कौथिग फाउंडेशन” के कार्याध्यक्ष सुशील कुमार जोशी ने बताया कि मुंबई कौथिग ने पिछले 12 सालों की सांस्कृतिक यात्रा में उत्तराखंड की संस्कृति के प्रति नई उमंग पैदा कर सांस्कृतिक विरासत को संजोने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वहीं फाउंडेशन के संस्थापक केशर सिंह बिष्ट ने बताया कि हम दो संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं उत्तराखंड हमारी जन्म भूमि है जबकि महाराष्ट्र हमारी कर्म भूमि है 100 साल से ज्यादा हमें मुम्बई में हो गए हैं। उन्होंने बताया पिछली बार कौथिग मंच मां नंदा को समार्पित किया गया था और इस बार कौथिग 2020 को हरिद्वार महाकुंभ की थीम पर आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष की भांति इस बार भी ”कौथिग” का भव्य आयोजन शुरू हो गया है।