नई दिल्ली : उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर उत्तराखंडी समाज के तमाम सामाजिक संगठनों और लोगों ने उत्तराखंड एकता मंच की अगुवाई में सर्वोच्च न्यायालय संग्रहालय से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाला। जिसमें बड़ी संख्या में दिल्ली-एनसीआर में काम कर रहे सामाजिक संगठन और लोग शामिल हुए और सभी ने एक स्वर में मांग की कि उत्तराखंड के बेटी किरन नेगी के साथ जिन दरिंदों ने गैंगरेप किया और हैवानियत की सारी हदें पार की इन दरिंदों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए।
कैंडल मार्च में पहुंचे किरन नेगी के माता-पिता ने नम् आंखों से कहा की हमें माननीय सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा हैं कि जिन दरिंदों ने हमारी बेटी के सपनों को कुचला। माननीय सुप्रीम कोर्ट उन दरिंदों को जल्द से जल्द फांसी की सजा देकर हमारी बेटी को न्याय देगा।
किरन नेगी के पिता जी ने कहा की हम पीछे आठ साल के अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे है। हमारे साथ उत्तराखंड के लोग खड़े है। इसी उम्मीद में हम आज उत्तराखंड के इन हजारों लोगों और सामाजिक संगठनों के साथ इन हजार मोमबत्तियों की रोशनी के साथ इस लिए चल रहे है कि हमारी बेटी किरन,जिसकी रोशनी से हमारा घर जगमगा जाता था। उसके जाने के बाद हमारे घर संसार में अंधेरा है। लेकिन माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारे जीवन में अंधेरा करने वाले इन दरिंदों को फांसी की सजा देकर। हमारे घर में एक बार फिर से रोशनी की किरन जगमगाएगा। हमें उम्मीद हैं कि जैसे निर्भाया के हत्यारों को फांसी की सजा की तैयारी चल रही है। ठीक वैसे ही,हमारी बेटी किरन नेगी के हत्यारों को भी जल्द से जल्द फांसी के तख्त पर लटका दिया जाएगा।
कैंडल मार्च की अगवाई कर रहे समाज सेवी विनोद बछेती ने इस मौके पर कहा की यह हम सब के लिए बहुत ही दुःखद घटना थी कि हमारे पहाड़ा की बेटी के साथ कुछ दरिंदों ने इस तरह की हैवानियत की और हमारी बेटी की हत्या कर दी। द्वारका कोर्ट ने इन दोषियों को फाँसी की सजा निर्धारित की है और फिर हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा है। अब यह मामल सुप्रीम कोर्ट चल रहा है।
श्री बछेती ने कहा की आज इस कैंडल मार्च में इतनी संख्या में उत्तराखंड के लोग अपनी बेटी के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलाने के लिए एकजुट हुए है। हमें उम्मीद हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारी बेटी के हत्यारों को फांसी के सजा देकर किरन नेगी के परिवार और उत्तराखंड जनमानस को न्याय देगा।
आपको बता दें कि दिल्ली में दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय संग्रहालय से इंडिया गेट तक अपनी बेटी के लिए न्याय मांगने के लिए पहली बार कैंडल मार्च निकाला गया। जिसमें उत्तराखंड समाज के तमाम सामाजिक संगठन और लोगों एकत्र हुए। जिन्होंने एक आवाज़ में मांग की कि उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए।
आपको बता दें कि उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी 9 फरवरी 2012 को गुडगाँव स्थित कम्पनी से काम करके अपनी तीन सहेलियों के साथ रात करीब 8:30 बजे नजफगढ़ स्थित छाँवला कला कालोनी पहुंची थी कि तभी कार में सवार तीन वहसी दरिंदों ने तीनो लड़कियों से बदतमीजी करनी शुरू कर दी। जैसे ही तीनों लड़कियां वहां से भागने लगी उसी दौरान तीनों दरिंदों ने किरन को जबरन कार में बिठाकर उसका अपहरण कर ले गए,और उसका सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसकी आँखों, कानों में तेज़ाब डालकर हैवानियत की सारी हदें पार कर उसकी लाश को हरियाणा के खेतों में फेंक कर चले गए। उसकी सहेलियों ने किरन के अपहरण की खबर पुलिस व उसके घरवालों को दी। लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की,जिसके बाद उत्तराखंड समाज के लोगों ने सड़कों पर निकलकर इस घटना का जबरदस्त विरोध किया। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और 14 फरवरी को किरन की लाश पुलिस को हरियाणा के खेतों से मिली। और पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जिसके बाद द्वारका कोर्ट ने दोषियों को फाँसी की सजा निर्धारित की और फिर हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। अब 8 साल बाद सुप्रीम कोर्ट में इन आरोपियों की सजा पर अंतिम सुनवाई चल रही है।