NATIONAL
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन

तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित
PM मोदी, त्रिवेन्द्र रावत और राहुल गांधी ने जताया शोक
दीक्षित 1984 में पहली बार बनी थीं सांसद
शीला दीक्षित ने पहली बार 1984 में कन्नौज सीट से चुनाव लड़ा था। यहां उन्होंने सपा के छोटे सिंह यादव को हराया था। 1984 से 1989 तक सांसद रहने के दौरान वे यूनाइटेड नेशंस कमीशन ऑन स्टेटस ऑफ वीमेन में भारत की प्रतिनिधि रह चुकी हैं। इसके बाद 1998 में वे नई दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं और 2013 तक इस पद पर रहीं।

शीला दीक्षित लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं। मौजूदा वक्त में उनके पास कांग्रेस के दिल्ली अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी थी। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में वो उत्तर पूर्वी दिल्ली से चुनाव भी लड़ीं थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उनका अचानक गुजरना न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि गांधी परिवार के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में पहली बार शीला दीक्षित कन्नौज से लड़कर संसद तक पहुंची। गांधी परिवार की करीबी होने के नाते उन्हें राजीव गांधी के सरकार में संसदीय कार्य राज्यमंत्री और पीएमओ में मंत्री बनने का मौका मिला।


