भाजपा विधायक चैंपियन ने एक बार फिर सरकार को कठघरे में किया खड़ा !

- विधायक कर्णवाल ने कहा वह मेरे बड़े भाई हैं और मैं छोटा भाई
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
रुड़की । खानपुर से भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने एक बार फिर झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल, राज्य सरकार और पुलिस महकमे के खिलाफ मोर्चा खोला है। चैंपियन ने कहा कि देशराज कर्णवाल फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर पहले जिला पंचायत सदस्य और फिर विधायक बने हैं। फिर भी कौन उन्हें राजनैतिक संरक्षण दे रहा है। पुलिस भी राजनीतिक दबाव में काम कर रही है। वहीं, झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल का कहना है कि मुझे प्रशासन, शासन, न्याय के मंदिर और संगठन में पूरा विश्वास है। पुलिस और प्रशासन ने सही काम किया है। बड़े भाई ने मेरे बारे में जो कुछ कहा है उसको मैं उनके आशीर्वाद स्वरूप ग्रहण करता हूं, वह मेरे बड़े भाई है और मे छोटा भाई।
सिविल लाइंस स्थित कैंप कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान चैंपियन ने एलान किया कि जून में विधानसभा सत्र में वे इस मामले को उठाकर अपनी ही सरकार को घेरेंगे। चैंपियन पूर्व में भी अपने बयानों से सरकार को असहज कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनका संकल्प है कि कर्णवाल को 2019 में जेल भिजवाकर ही दम लेंगे। वह उनके खिलाफ सबूत एकत्र कर रहे हैं। विधायक देशराज और उनकी पत्नी वैजयंती माला के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। अब उनकी इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की तैयारी है। इस दौरान चैंपियन कई बार सामान्य शिष्टाचार की भाषा भी लांघते नजर आए।
उन्होंने कहा उच्च न्यायालय ने 27 मई तक आइजी गढ़वाल को रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। जबकि वे अप्रैल माह में तहरीर दे चुके थे। इसके साथ ही आइजी गढ़वाल से मिले और उनको बताया कि उनके धारा 161 के तहत बयान दर्ज किए जाएं, लेकिन पुलिस ने उनके बयान दर्ज नहीं किए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार अपराधी को बचा रही है तो जून में विधानसभा सत्र में वह अपनी ही सरकार के खिलाफ विधानसभा में प्रश्न उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल एक अपराधी हैं, लेकिन उनको पता नहीं कौन संरक्षण दे रहा है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में पुलिस की ओर से आरोप पत्र दाखिल किया जाना समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में उन्होंने मुख्य सचिव से लेकर अन्य अधिकारियों को दस्तावेज दिए तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक दबाव में काम रही है।