Uttarakhand

लोकसभा चुनाव सिर पर,सांसदों की आधी सांसद निधि नहीं हुई खर्च

  • 38 प्रतिशत सांसद निधि जारी नहीं हुई, 12 फीसदी स्वीकृत कार्य नहीं हुए  शुरू 
  • कुल 3790 कार्यों में से 2625 ही हो सके दिसंबर 2018 तक पूर्ण
  • सांसद निधि के 445 कार्य नहीं हो सके  शुरू

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : वर्तमान लोकसभा सांसदों का कार्यकाल समाप्त होने में कुछ ही दिन शेष है लेकिन उनकी दिसम्बर 2018 तक केवल 46 फीसदी सांसद निधि ही खर्च हो सकी। केवल इतना ही नहीं 38 फीसदी सांसद निधि की किस्ते तो जारी तक नहीं हुई है। सांसद निधि सेे स्वीकृत 3790 कार्यों में से केवल 69 प्रतिशत 2625 कार्य ही पूर्ण हुये है, 12 प्रतिशत 445 कार्य तोे प्रारम्भ  भी नहीं हुये है जबकि 19 फीसदी निधि से 720 कार्य चल रहे हैं।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड के ग्राम्य विकास आयुक्त से उत्तराखंड के वर्तमान सांसदों की सांसद निधि के खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी। इसके उत्तर में ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय उत्तराखंड के लोक सूचना अधिकारी उपायुक्त (प्रशासन) डा. जी.एस.खाती ने अपने पत्रांक 3082 से दिसम्बर 2018 के सांसद निधि विवरण की प्रति  उपलब्ध करायी है।

श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड लोक सभा सांसदों को पांच वर्षों में मिलने योग्य पांच करोड़ प्रति वर्ष के हिसाब से 125 करोड़ की सांसद निधि में  से दिसम्बर 2018 तक केवल 77.5 करोड़ की सांसद निधि ही जारी हो पायी है। 38 प्रतिशत 47.50 करोड़ की सांसद निधि जारी ही नहीं हो सकी है। पिछली ढाई करोड़ की किस्त का प्रयोग विवरण उपलब्ध कराने पर भारत सरकार द्वारा अगली 2.5 करोड़ की किस्त जारी की जाती है।

उपलब्ध सूचना के अनुसार दिसम्बर 2018 तक सांसदों को ब्याज सहित उपलब्ध 81.34 करोड़ की सांसद निधि में से 58.90 करोड़ की सांसद निधि ही खर्च हो सकी है। जारी नहीं हुई 47.50 करोड़ की सांसद निधि सहित कुुल 128.84 करोड़ की सांसद निधि में से 46प्रतिशत 58.90 करोड़ की सांसद निधि ही दिसंबर 2018 तक खर्च हुई है।

अल्मोड़ा सांसद तथा केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा की ब्याज सहित कुल सांसद निधि 2632.74 लाख है जिसमें से दिसंबर 2018 तक केवल 32 प्रतिशत 839.20 लाख की सांसद निधि ही खर्च हो सकी।

हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक की कुल 2590.88 लाख सांसद निधि में से केवल 51 प्रतिशत 1327.48 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है जबकि पौड़ी सांसद बी.सी.खंडूरी की 2521.45 लाख की सांसद निधि में से केवल 29 प्रतिशत 1271.45 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है।

टिहरी सांसद श्रीमति राजलक्ष्मी की 2596.50 लाख की सांसद निधि में से केवल 52 प्रतिशत 1340.99 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है जबकि नैनीताल उधमसिंह नगर सांसद भगत सिंह कोश्यारी की 2542.88 लाख की सांसद निधि में से 65 प्रतिशत 1646.42 लाख की सांसद निधि खर्च हुई है।

उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड लोकसभा सांसदों के सांसद निधि से कुल 3790 कार्य स्वीकृत हुये है इसमें से दिसंबर 2018 तक 69 प्रतिशत 2625 कार्य हुये है जबकि 19 प्रतिशत 720 कार्य चल रहे है तथा 12प्रतिशत 445 कार्य दिसंबर 2018 तक प्रारम्भ ही नहीं हुये हैं ।

केंद्रीय राज्य मंत्री व अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा के 750 कार्यों में 76 प्रतिशत 567 पूर्ण हुये हैं, जबकि 171 चल रहे है तथा 12 प्रारम्भ ही नहीं हुये है जबकि हरिद्वार सांसद डा. रमेश पोखरियाल के कुल 507 कार्यों में से 93 प्रतिशत 470 कार्य पूर्ण हुये है, 14 कार्य चल रहे तथा 23 प्रारंभ नहीं हुये हैं।

जबकि टिहरी श्रीमति राजलक्ष्मी के 1209 कार्यों में 41 प्रतिशत 501 पूर्ण हुये है, 402 चल रहे हैं  306 प्रारम्भ नहीं हुये है। पौड़ी सांसद बी.सी.खंडूरी के 462 कार्यों में 73 प्रतिशत 339 पूर्ण हुये, 81 चल रहे हैं  तथा 42 प्रारम्भ नहीं हुये हैं। नैनीताल-उधमसिंह नगर सांसद भगत सिंह कोश्यारी के कुल 862 कार्यों में से 87 प्रतिशतत 748 पूर्ण हुुये है 62 कार्य चल रहे हैं तथा 63 कार्य प्रारंभ ही नहीं हुये हैं।

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