आज रोज़ डे से वेलेंटाइन-डे तक चलेगा युवाओं की दोस्ती का सप्ताह

- पाश्चात्य संस्कृति के मोहपाश में फंसते देश के युवा !
- भारत में दोस्ती की मिसाल ” त्रेता युग ” और ” द्वापर युग “तक
राजेन्द्र जोशी
देहरादून : वसंत ऋतु के आगमन से पहले फरवरी के सुहावने मौसम में पाश्चात्य संस्कृति के पोषक युवाओं के सबसे पसंदीदा दिनों में शुमार वेलेंटाइन वीक गुरुवार (आज) से शुरू हो गया है। गुलाब की भीनी-भीनी खुशबु को लिए रोज डे के साथ प्रेम और प्यार के इस सप्ताह की शुरुआत तो हो गई है। लेकिन अपने परंपरागत त्योहारों को दरकिनार करते हुए युवा पाश्चात्य देशों में मनाये जाने वाले इस त्यौहार के प्रति कुछ ज्यादा ही आकर्षित हो रहे हैं, जबकि आज से लगभग 25 वर्ष पूर्व भारत में इस त्यौहार को कोई जानता भी नहीं था, सिवा विदेशों की यात्राओं को करने वालों के। पाश्चात्य संस्कृति के पोषक इसे पुराने दोस्तों के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने और नए दोस्त बनाने के लिए यह सबसे बेहतर समय माना जाता है। जबकि भारत जैसे सांस्कृतिक धरोहरों को संजोये रखने वाले देश में सारे साल को दोस्ती के लिए कोई विशेष त्योहार नहीं मनाया जाता क्योंकि यह देश भौंडेपन के संस्कारों को महत्व नहीं देता रहा है। यहाँ के तीज-त्योहार सांस्कृतिक मान्यताओं और ऋतुओं के हिसाब से मनाये जाते रहे हैं।
देश में संस्कृति और प्राचीन धरोहरों की बात करने वाले लोग इस तरह के अचानक आये त्योहारों को भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति का हमला करार देते हैं। लेकिन वे यह भी कहते हैं भारत की संस्कृति और संस्कार प्राचीन समय से इस तरह के सांस्कृतिक हमलों से जूझती रही है लेकिन भारत आज भी वहीं खड़ा है जहाँ सदियों पहले खड़ा था , उसने अपने सांस्कृतिक मूल्यों के साथ कभी भी समझौता नहीं किया है।
गौरतलब हो कि रोम में तीसरी शताब्दी में सम्राट क्लॉडियस का शासन था। उसके अनुसार विवाह करने से पुरूषों की शक्ति और बुद्धि कम होती है। उसने आज्ञा जारी की कि उसका कोई सैनिक या अधिकारी विवाह नहीं करेगा। संत वेलेंटाइनने इस क्रूर आदेश का विरोध किया। संत वेलेंटाइन ने इस क्रूर आदेश का विरोध किया और उनके आह्वान पर अनेक सैनिकों और अधिकारियों ने विवाह किए। आखिर क्लॉडियस ने 14 फरवरी 1269 को संत वेलेंटाइन को फाँसी पर चढ़वा दिया, तभी से यह दिन उनकी स्मृति में यह वेलेंटाइन दिवस ‘प्रेम दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
भारत में दोस्ती की मिसाल ” त्रेता युग ” और ” द्वापर युग “तक से रहा है। यहां राम -कृष्ण के समय से लेकर हनुमान -सुग्रीव और कृष्ण -सुदामा ने दोस्ती की मिसाल आज भी सबके सामने है। लेकिन अब देश में इस त्यौहार के पहले दिन को दोस्ती का पैगाम देने के लिए गुलाब कोमल भावनाओं का इजहार करने के प्रतीक के रूप में रखा गया है। इस दिन दोस्ती का इजहार सुर्ख लाल गुलाब देकर किया जाता है। वेलेंटाइन सप्ताह का पहला दिन रोज डे के रूप में मनाया जा रहा है। कहा जाता है अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किसी भी रंग के गुलाब का इस्तेमाल किया जा सकता है। माना जाता है कि प्यार के इजहार के लिए लाल और दोस्ती का पैगाम देने के लिए पीले रंग का गुलाब भेंट किया जाता है। वहीं सप्ताह के आखिरी दिन यानि 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाया जाएगा। यह दिन एक-दूसरे से प्यार करने वालों के लिए बेहद अहम माना जाता है। पाश्चात्य संस्कृति में इस दिन को संत वेलेंटाइन की याद में मनाया जाता है। यह दिन नए दोस्तों को एक-दूसरे को करीब से जानने के त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है।
वेलेंटाइन सप्ताह के विशेष दिन …..
7 फरवरी – रोज डे
8 फरवरी – प्रपोज डे
9 फरवरी – इसे चॉकलेट डे
10 फरवरी – टेडी डे
11 फरवरी – प्रॉमिस डे
12 फरवरी – किस डे
13 फरवरी – हग डे
14 फरवरी – वेलेंटाइन डे