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विकास यात्रा का संकल्प है यह बजट : त्रिवेंद्र सिंह रावत

  • नए भारत का सपना दिखाया गया है इस बजट में
  • इस बजट से देश के 12 करोड़ किसानों के परिवार होंगे लाभान्वित 
  • टैक्स का स्लैब बढ़ाने से कर्मचारियों और आम जनता को  मिलेगी राहत

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देश के गरीबों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, कर्मचारियों व समाज के प्रत्येक वर्ग के अनुकूल अंतरिम बजट देने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह अंतरिम बजट, न्यू इंडिया के भविष्य की झलक है। 02 हैक्टेयर या इससे कम जमीन वाले किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत 06 हजार रूपये देने का अंतरिम बजट में प्राविधान किया गया है। इससे देश के दस करोड़ से अधिक किसानों को लाभ होगा। उत्तराखण्ड में लगभग 92 प्रतिशत किसान इससे लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय को दुगुनी करने के प्रधानमंत्री जी के लक्ष्य में यह कदम मददगार होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पांच लाख तक की आय को इनकम टैक्स फ्री करने से कम व मध्य आय वर्ग के लोगों को इसका बहुत फायदा होगा।पांच लाख से अधिक आय वालों को टैक्स में 13 हजार रूपये की छूट मिलेगी। केन्द्र सरकार ने न सिर्फ महंगाई और वित्तीय घाटे को कम किया, बल्कि बुनियादी ढ़ांचे के विकास की दिशा में तीव्र प्रगति की है। उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में देश की महंगाई दर 10.1 प्रतिशत थी। जो अब घटकर 4.6 तक आ गई है। 2022 तक सभी को घर देने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। अब तक 01 करोड़ 53 लाख लोगों को आवास मिल चुके हैं। जो यूपीए सरकार तुलना में पांच गुना अधिक है।
केन्द्र सरकार ने मजदूर वर्ग और असंगठित क्षेत्र के लोगों के कल्याण की सोच को सार्थक किया है। मजदूरों की आकस्मिक मृत्यु पर उनके आश्रितों को  मिलने वाली मुआवजा राशि को 2.5 लाख से बढ़ाकर 06 लाख किया गया है। असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए पीएम श्रमयोगी मानधन योजना के तहत 03 हजार रूपये पेंशन देने की कल्याणकारी योजना की शुरूआत की है।
देश की आधी आबादी को सशक्त बनाने की दिशा में मुद्रा योजना से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि मुद्रा योजना के लाभार्थियों में 70 फीसद महिलाएं हैं। ग्रामीण महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में उज्जवला योजना गेमचेंजर साबित हो रही है। अब तक 6 करोड़ निशुल्क गैस कनेक्शन बांटे गए है। उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य की लगभग 4 लाख महिलाओं को इस योजना के चलते धुऐं से मुक्ति मिली है।
  • सभी वर्गों का बजट में रखा गया ध्यान

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर खुशी जताते हुए कहा कि बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है और जो वायदे केंद्र सरकार ने जनता से किए थे वो इसमें पूरे किए गए है। उन्होंने कहा कि इस असाधारण एवं अद्भुत बजट से देश के विकास को और तेजी मिलेगी। उन्‍होंने अंतरिम बजट को कल्याणकारी, ऐतिहासिक, क्रांतिकारी, सर्वांगीण विकास वाला बजट बताते हुए इसकी तारीफ की है और केंद्र सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री पीयूष गोयल को इस संतुलित बजट के लिए बधाई दी है।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार के अंतरिम बजट के दौरान वितमंत्री पीयूष गोयल ने सभी वर्गों का विशेष ख्याल रखा गया है, जिसमें किसानों, महिलाओं, सैनिकों, मध्यम वर्गीय ग्रामीणों और असंगठित मज़दूरों सहित सभी लोगों के हितों का ध्यान रखा गया है, जो सराहनीय है। उन्‍होंने कहा कि बजट हर वर्ग के लिए राहत देने वाला है। यह बजट शक्तिशाली, समृद्घशाली और गौरवशाली भारत की आधारशिला रखने वाला है। बजट में सुरक्षा क्षेत्र के अलावा शहरी, ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने हर वर्ग का ध्यान रखा है। साथ ही बजट में कर्मचारियों, किसानों और गरीबों को इससे राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी को बहुत फायदा होगा और इसके अच्‍छे परिणाम जल्द ही दिखने शुरू हो जाएंगे।

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अंतरिम बजट में आयकर छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने, ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ा कर 20 लाख करने, दो हेक्टेयर तक जमीन के हक वाले 12 करोड़ छोटे किसानों के खाते में हर साल 6000 रुपये की राशि दिए जाने एवं समय पर कर्ज लौटने वाले किसानों को तीन प्रतिशत तक कर्जमाफी, आपदा पीड़ित किसानों को ब्याज में 5 फीसद तक की छूट, गाय के संरक्षण के लिए 750 करोड़ के प्रावधान से कामधेनु योजना शुरू करने एवं पशुपालन ओर मत्स्य पालन के लिए किसानों को क्रेडिट कार्ड दिए जाने से सभी वर्गों को राहत मिलेगी।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि करोड़ों मजदूरों के लिए पेंशन योजना होने एवं 60 साल के मजदूरों को 3000 हजार पेंशन दिये जाने, मनरेगा के लिए 60 हजार करोड़ का आवंटन एवं सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने से देश के मज़दूरों एवं सैनिकों का विशेष ख्याल रखा गया है।

  •  इस बजट ने विकास की धारा से अंतिम व्यक्ति को जोड़ा है : प्रकाश पंत

वित्तमंत्री प्रकाश पंत का कहना है कि ये विजन 2030 का बजट रहा है। केंद्र सरकार ने अंतिम व्यक्ति को विकास की धारा से जोड़ने का काम किया है। साथ ही राष्टीय ग्रामीण मिशन में, शहरी पुनर्जागरण अभियान में बजट मिला है। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। यही नहीं बजट में रोजगार सृजन पर फोकस किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट में एग्रीकल्चर एवं एलाईड सर्विसेज, एम्पलाॅय स्ट्रक्चर व रूरल डेवलपमेंट पर विशेष फोकस किया गया है। विगत पांच वर्षों में केन्द्र सरकार ने अन्तिम छोर के व्यक्ति को मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया। यह बजट सभी को लाभ पहुंचाने वाला है। उत्तराखण्ड की दृष्टि से राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन, शहरी पुनर्जागरण अभियान, हिमालयी राज्यों में इंडस्ट्रियल पैकेज के तहत प्राविधान, नमामि गंगे के प्रोजक्ट, नेशनल रिवर कंजरवेशन आदि प्रोजक्ट को सही तरीके से संचालित करने में मदद मिलेगी। रोजगार सृजन के दृष्टिगत कृषि, इन्फ्रास्टक्चर व रूरल डेवलपमेंट को इस बजट में शामिल किया गया है, जिससे उत्तराखण्ड को फायदा होगा।

  • लोकलुभावन और निराशाजनक है यह बजट : इंदिरा हृदयेश

अंतरिम बजट को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेशने कहा कि यह पूरी तरह लोकलुभावन बजट है। ठीक चुनाव से पहले किए गए वादे पूरी तरह निराधार हैं। मोदी सरकार ने 4 साल पहले जो वादे किए थे, उन पर कोई काम नहीं किया। किसानों को लेकर महज दिखावा किया गया है। आयुष्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना भी जनता के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार आ रही है। जनता में इस सरकार के प्रति घोर निराशा है।

  • देश के वंचित और मध्यम वर्ग को राहत भरा है यह बजट: मदन कौशिक

शहरी विकास मंत्री और शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने केंद्र सरकार के बजट को देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ बजट बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बजट में देश के वंचित और मध्यम वर्ग को तो राहत पहुंचायी है। साथ ही आम जनता को आयकर में बड़ी छूट देकर बड़ा काम किया है। बजट में किसानों और सर्वहारा वर्ग का भी पूरा ध्यान रखा गया है। कहा कि बजट की की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है इस बजट में विपक्ष को कुछ भी कहने का मौका नहीं दिया विपक्ष की तो बोलती ही बंद हो गई है।

  •  कुछ न कुछ सभी के लिए है इस बजट में : चेयरमैन, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स

पंकज गुप्‍ता( चेयरमैन, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स) का कहना है कि यह बजट डेवलपमेंट का ट्रांसफार्मर चेंज लाएगा। चाहे वह रुलर एग्रीकल्चर सेक्‍टर हो या एमएसई सेक्‍टर हो उन्‍हें संभालना की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा, मैं इस बजट को अच्‍छा मानूंगा, क्‍योंकि इस बजट में सभी के लिए कुछ न कुछ किया गया है।

  • अंतिम अंतरिम बजट डूबती नैया को बचाने का जुमला मात्र : अशोक 

मोदी सरकार द्वारा पेश किया गया आज अंतिम अंतरिम बजट अगले चुनावों में अपनी डूबती नैया को बचाने का जुमला मात्र है। ये बात हरियाणा कांग्रेस के नेता अशोक बुवानीवाला ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। बुवानीवाला ने कहा कि बजट में वोट बटोरने लिए सपने तो दिखाऐ गए पर परन्तु ये नहीं बताया गया कि ये सपने पूरे कैसे होंगे। मोदी सरकार ने फसलों पर एमएसपी बढ़ाने के नाम पर किसानों को ठगने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि 4 एकड़ भूमि के किसान से 6000 रूपए का वादा तो किया, लेकिन मोदी सरकार ने डीजल, खाद्य, बीज, कीटनाशक की कीमतें बढ़ाकर एवं कृषि उपकरणों पर जीएसटी लगाकर 4 एकड़ भूमि के स्वामित्व वाले किसान पर पहले ही लगभग 24000 रूपए तक का बोझ डाल रखा है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस तरह 4 एकड़ भूमि वाले किसान से मोदी सरकार 24000 रूपए वसूलकर 6000 रूपए दे रही है। मतलब किसान से 18000 रूपए तो फिर वसूले जा रहे हैं। बुवानीवाला ने कहा कि राफेल घोटाला छिपाने के लिए देश की सुरक्षा के नाम पर हर रोज जनता को गुमराह करने वाले मोदी जी ने रक्षा बजट पर अपनी पीठ तो थपथपा ली लेकिन ये नहीं बताया कि वृद्धि मात्र 15000 करोड़ रूपए की है। क्योंकि रक्षा बजट पहले से ही 2.85 लाख करोड रूपए है, जिसे बढ़ाकर 3 लाख करोड़ किया है।

उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के दस करोड़ श्रमिकों को 36000 रूपए सालाना पेंशन देने का एलान भी जुमला मात्र है। क्योंकि इस योजना का कुल बजट 3.60 लाख करोड़ रूपए है और पैसा आवंटित मात्र 500 करोड़ रूपए का किया गया है। बुवानीवाला ने कहा कि मोदी सरकार राजकोषीय घाटे के अपने लक्ष्य से फिर चूक गयी है। मोदी सरकार घोषणाएं तो रोज करती है लेकिन ये नहीं बताती पैसा कहा से आएगा।

उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल से हर वर्ग के दु:ख दर्द को दरकिनार कर तानाशाही करने वाले मोदी जी अपनी सत्ता बचाने के लिए संसद पटल का इस्तेमाल करके लोक लुभावन घोषणाऐं कर रहे है जबकि सरकार महज चंद दिन की बची है। ये अंतरिम बजट किसी प्रकार के फैसले लेने के सैंविधानिक अधिकार नहीं रखता क्योंकि आम चुनावों के बाद आने वाली नई सरकार आम बजट पेश करके फैसले ले सकेगी।

  • बजट में प्रधानमंत्री के मन मे किसानों के लिए कितना सम्मान : इंद्रेश मैखुरी 

गढ़वाल सचिव माकपा (माले) इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि कर्ज के बोझ तले दबे किसान को 500 रु. महीना वो भी तीन महीने में मिलने वाला क्या कर्ज के बोझ से उबारेगा? यह तो ऊंट के मुंह में जीरे से भी कम है और नाम है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि। इस धन राशि से ही अंदाज लगा सकते हैं कि किसानों के प्रति प्रधानमंत्री के मन मे कितना सम्मान है।

2022 तक युवाओं और महिलाओं को सपने पूरे करने के अवसर देने की बात बजट में कही गयी है, लेकिन युवा बेरोजगारी के जो आंकड़े सार्वजनिक हुए हैं, वे इस दावे के खोखलेपन को उजागर कर देते हैं। देश में कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम के लिये आंदोलित है और बजट में पीयूष गोयल ने नई पेंशन स्कीम की शान में कसीदे पढ़े हैं

2022 तक युवाओं और महिलाओं को सपने पूरे करने के अवसर देने की बात बजट में कही गयी है, लेकिन युवा बेरोजगारी के जो आंकड़े सार्वजनिक हुए हैं, वे बता रहे हैं कि देश में 45 साल में सर्वाधिक बेरोजगारी है।इससे कार्यवाहक वित्तमंत्री दावे के खोखलेपन को समझा जा सकता है।

युवाओं को रोजगार के लिए कोई आयोग नहीं,शिक्षा,स्वास्थ्य के लिए कोई आयोग नहीं। पर गायों के लिए कामधेनु आयोग है। जो आवारा गायें देश भर में किसानों के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं, उनसे किसानों को कौन आयोग उबारेगा?

असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की लिए जो पेंशन स्कीम की घोषित हुई, वह मजदूरों को पेंशन तो 60 साल में देगी,लेकिन 31 साल तक प्रतिमाह उसकी जेब से 100 रुपया वसूल करेगी ।पेंशन देने की आड़ में दिहाड़ी मजदूर की आय का हिस्सा ही सरकार उसकी जेब से निकालेगी। इस योजना में 18 वर्ष से 29 वर्ष का मजदूर शामिल हो सकते हैं।

  • 20 साल पीछे पहुंचाने वाला बजटः किशोर
उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मोदी सरकार के अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पेश किए गए बजट के बाद ऐसा लगने लगा है कि देश में कभी भी आर्थिक आपातकाल लागू हो सकता है। 
सरकार के पास जीएसटी का रिफंड देने का तो पैसा है नहीं, घोषणाओं को कैसे पूरा करेगी? मोदी सरकार की तरफ से बजट में जिन योजनाओं का बखान किया गया है उन योजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार के पास पैसा नहीं है। यह बजट देश को 20 साल पीछे पहुंचा देगा। लोकतंत्र संसदीय परंपराओं से चलता है, संसदीय लोकतंत्र में नरेंद्र मोदी और बीजेपी का विश्वास नहीं है ना ही भारत के संविधान को बीजेपी मानती है।
कांग्रेस सरकार ने कभी अपने अंतरिम बजट में इनकम टैक्स स्लैब में परिवर्तन नहीं किए, ना ही कोई नीतिगत फैसले लिए हालांकि, 2014 में पी चिदंबरम ने वतवच की घोषणा अंतरिम बजट में ही की थी। इस अंतरिम बजट में वित्तीय प्रबन्धन का नितान्त अभाव है। जो, कुच्छ वित्तमंत्री कह रहे हैं, उसको पूरा करने के लिए पैसा कहाँ से आयेगा। 

 

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