Asian Games 2018: भारत ने 10वें दिन स्वर्ण सहित जीते 9 पदक

- भारत ने एक ही दिन में जीते एक स्वर्ण, छह रजत और दो कांस्य
देहरादून : शुरुआत में पिछड़ने के बाद मंजीत सिंह ने जोरदार वापसी करते हुए 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण के रूप में अपने करियर का सबसे बड़ा पदक जीता लेकिन पीवी सिंधू एक बार फिर फाइनल की पहेली का हल खोजने में नाकाम रहीं जिससे उन्हें एशियाई खेलों में एतिहासिक रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा। कुश्ती के एक मध्य एशियाई प्रकार ‘कुराश’ में भारत को रजत और कांस्य पदक मिला जबकि एथलेटिक्स में पदार्पण कर रही मिश्रित चार गुणा 400 मीटर स्पर्धा की टीम भी रजत पदक जीतने में सफल रही। भारत ने 18वें एशियन गेम्स के 10वें दिन एक स्वर्ण, छह रजत और दो कांस्य सहित कुल नौ पदक जीते। इसके साथ ही भारत पदक तालिका में कुल 50 पदकों के साथ आठवें स्थान पर पहुंच गया है। भारत के नाम पर नौ स्वर्ण, 19 रजत और 22 कांस्य पदक हैं। देश अपने 2014 के पदकों की संख्या की बराबरी करने से सिर्फ सात पदक पीछे है।
- मनजीत और जॉनसन ने भारत को 800 मीटर रेस में दिलाया स्वर्ण और रजत
हरियाणा के 31 साल के मंजीत इससे पहले कभी राष्ट्रीय स्तर पर भी स्वर्ण नहीं जीत पाए थे लेकिन उन्होंने एशियाई खेलों में सुर्खियां बटोर लीं। मंजीत ने हमवतन अनुभवी जिनसन जॉनसन को पीछे छोड़कर एक मिनट 46.15 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। जॉनसन एक मिनट 46.35 सेकेंड का समय लेकर दूसरे स्थान पर रहे जिससे भारत ने पहले दो स्थानों कब्जा जमाया। जींद के रहने वाले मंजीत ने कहा, ‘मैंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी दौड़ के वीडियो देखे और गलतियों का आकलन किया। मैं अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिये प्रेरित था। मैंने कभी राष्ट्रीय रिकार्ड में सुधार के बारे में नहीं सोचा। मैं सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहता था। मेरे पास नौकरी नहीं है लेकिन मेरे कोच सेना से हैं।
- भारत ने 4×400 मीटर मिश्रित रिले दौड़ में जीता रजत पदक
भारत ने इसके बाद चार गुणा 400 मीटर मिश्रित रिले दौड़ में रजत पदक जीता। मोहम्मद अनस, एमआर पूवम्मा, हिमा दास और आरोकिया राजीव की चौकड़ी ने 3 मिनट 15.71 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक जीता। बहरीन ने 3 मिनट 11.89 सेकेंड के साथ स्वर्ण जबकि कजाखस्तान ने 3 मिनट 19.52 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीता। सुबह भारत के कंपाउंड तीरंदाजों की पुरुष और महिला टीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। दोनों फाइनल में उसे दक्षिण कोरिया ने हराया। यह निराशाजनक नजीता नहीं है लेकिन पुरुष टीम 2014 के अपने खिताब का बचाव करने में नाकाम रही जो सालता रहेगा।
- फाइनल में पीवी सिंधु को मिली हार
इसके बाद पीवी सिंधु को एक बार फिर फाइनल में नाकामी का सामना करना पड़ा और वह दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताइ जू यिंग को हावी होने से नहीं रोक पाई। सिंधु को लगातार छठी बार चीनी ताइपे की इस खिलाड़ी के खिलाफ 21-13, 21-16 से हार का सामना करना पड़ा जबकि भारतीय खिलाड़ी ने दावा किया था कि उसने विरोधी खिलाड़ी के लिए रणनीति बनाई है। सिंधु ने कहा, ‘अगर मैं थोडे़ धैर्य के साथ खेलती तो नतीजा कुछ और हो सकता था। उसके खिलाफ अंक अर्जित करना आसान नहीं था क्योंकि उसका डिफेंस अच्छा है।’
- कुराश में भारत ने जीता एक रजत और एक कांस्य
कुराश में पदक हैरान करने वाले रहे। यह मध्य एशिया का पारंपरिक खेल है जिसमें खिलाड़ी प्रतिद्वंद्वी को तौलिये की सहायता से नीचे गिराने की कोशिश करता है। भारत के लिए पिंकी बलहारा और मालाप्रभा यलप्पा जाधव ने महिलाओं के 52 किग्रा में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते। इन दोनों किशोरियों के पास किट खरीदने के पैसे भी नहीं थे और खेल मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें किट मिली। पिंकी ने पीटीआई से कहा, ‘मुझे अभ्यास शिविर में भेजने के लिये मेरे गांव वालों ने 1.75 लाख रूपये जुटाये। उन सभी ने मेरा काफी समर्थन किया। मैं हमेशा उनकी ऋणी रहूंगी।’ टेबल टेनिस में भारत ने सेमीफाइनल में कोरिया के खिलाफ हार के साथ कांस्य पदक जीता जो इन खेलों में उसका पहला पदक है।
- स्क्वॉश में भारत का विजयी अभियान जारी
भारतीय स्क्वॉश टीमों ने आज अपना विजयी अभियान जारी रखा। पुरूष वर्ग में कतर के खिलाफ हरिंदर पाल सिंह संधू को छोड़कर अन्य भारतीयों को जीत दर्ज करने में कोई दिक्कत नहीं हुई जिसके पुरुष और महिला टीमों ने ग्रुप चरण से आगे क्वालीफाई करने की ओर कदम बढ़ाए।
- श्रीलंका को 20-0 से रौंदकर भारत पुरुष हॉकी के सेमीफाइनल में
भारतीय हाकी टीम का विजयी अभियान आज भी जारी रहा जब गत चैंपियन टीम श्रीलंका को 20-0 से हराकर पूल चरण में अजेय रही। भारतीय टीमने पूल चरण में शानदार प्रदर्शन करते हुए 76 गोल किए और सिर्फ तीन गोल खाए। मुक्केबाज हालांकि जीत दर्ज करने में नाकाम रहे। पवित्रा (60 किग्रा) और सोनिया लाठेर (57 किग्रा) क्वार्टर फाइनल में हारकर महिला वर्ग से बाहर हो गईं। भारतीय पुरुष वालीबाल टीम को भी सात से 12वें स्थान के क्लासीफिकेशन मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 1-3 से हार का सामना करना पड़ा।