मुख्य सचिव समेत पांच के खिलाफ मातृसदन आश्रम ने किया वाद दायर

आरएसएस पर तक लगा दिए आरोप
हरिद्वार : मातृसदन आश्रम ने मुख्य सचिव समेत पांच अधिकारियों के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में कोर्ट की अवमानना का वाद दायर किया है। आरोप है कि प्रतिवादी पक्ष ने इन्वायरमेंट एक्ट पांच लागू करने के बजाय खनन पट्टों को अनुमति देकर न्यायालय के आदेश की अवमानना की है। उधर, पट्टे खोलने के विरोध में मातृसदन आश्रम के संत आत्मबोधानंद की तपस्या के तीसरे दिन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना आतंकी संगठन आइएसआइएस से कर दी।
जगजीतपुर स्थित आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में स्वामी शिवानंद ने गंगा की उपेक्षा कर खनन को जरूरी बताने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, काबीना मंत्री प्रकाश पंत, मदन कौशिक व विधायक यतीश्वरानंद पर खनन माफिया के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। कहा कि श्यामपुर, चिड़ियापुर में खनन खोल दिया है, जबकि 6 दिसंबर 2016 को न्यायालय का इन्वायरमेंट एक्ट 5 के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इसके तहत खनन नहीं होने देने व स्टोन क्रशरों को गंगा से दूर करने के आदेश हैं।
शासन प्रशासन ने इन आदेशों को दरकिनार करते हुए खनन खोलकर हाईकोर्ट की अवमानना की है। इस बारे में मंगलवार को आश्रम के संत ब्रह्मचारी दयानंद ने नैनीताल हाईकोर्ट में मुख्य सचिव एस रामास्वामी, औद्योगिक सचिव शैलेश बगोली, जिलाधिकारी दीपक रावत, डिस्ट्रिक्ट लाजिंग मैनेजर वन विकास निगम आइपीएस रावत, डीएफओ एचके सिंह के खिलाफ अवमानना का वाद दायर किया है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस व भाजपा गाय, गंगा व गीता को आदर्श मानती हैं, लेकिन खनन व गंगा की दुर्दशा पर आरएसएस चुप है। मंत्रियों के ओएसडी आरएसएस के ही लोग हैं। आरएसएस पीछे से हमला करती है, जो देश के लिए घातक है।