दो विधायकों को धमकी देने के मामले में उलझी मित्र पुलिस
ममता राकेश व फुरकान अहमद को मिली थी धमकी
दोनों विधायकों की सुरक्षा को लेकर सदन में उठ चुका है मामला
देहरादून । हरिद्वार जिले के दो विधायकों को धमकी दिये जाने के चर्चित मामले में पुलिस अब भी उलझी हुई है। भगवानपुर क्षेत्र की विधायक ममता राकेश व पिरान कलियर के विधायक फुरकान अहमद को एक पत्र के जरिये दी जाने वाली इस धमकी का मामला विधानसभा सत्र के दौरान सदन में उठ चुका है और सरकार की तरफ से भी गंभीरता जताते हुए दोनो विधायकों को कड़ी सुरक्षा मुहैया कराने के फरमान पीठ द्वारा दिये गये थे, लेकिन धमकी का यह मामला न तो पुलिस के गले उतर रहा है और न ही उसमें कुछ सच्चाई की झलक ही नजर आ रही है। जिस वजह से पुलिस इस मामले को लेकर उलझी व दुविधा में दिखाई दे रही है।
हरिद्वार पुलिस ही नहीं, बल्कि इस महकमे के बड़े अफसरान भी इस मामले को लेकर अपने माथे पर परेशानी के बड़े-बड़े बल लिए नजर आ रहे हैं। दरअसल यह बताया जा रहा है कि ममता राकेश तथा फुरकान अहमद के इसी हालिया हुए विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित होने के बाद एक सादे कागज पर धमकी दी गयी थी। मिली जानकारी के अनुसार, भगवानपुर के ही बाजार क्षेत्र वाले रामलीला मैदान में कुछ बच्चों को खेलते समय एक कागज मिला था। इसी कागज पर दोनों विधायकों को लिखित रूप में धमकी देने का जिक्र करने की बात चर्चाओं में आयी थी।
पुलिस भले ही इस मामले को विधायकों से जुड़ा होने के कारण गंभीरता से ले चुकी है, परन्तु वह अन्दरूनी तौर पर उसे एक ठोस पहलू से महज शरारत भी मान रही है। क्योंकि मात्र एक कागज पर ही कुछ शब्दों में कथित धमकी देना किसी के गले नहीं उतर रहा है। वैसे भी यह बात सामने आ रही है कि जो पत्र पुलिस को मिला है वह शायद पुलिस को परेशान करने तथा गुमराह करने के लिए ही की गयी शरारत है। इस मामले में पुलिस ने गहन जांच पड़ताल करने व सच्चाई का पता लगाने में अपनी ओर से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है लेकिन मामला विधायकों से जुड़ा होने के कारण पुलिस विभाग के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक मौन धारण करने में भला मान रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि मामले में डेढ़ दर्जन से भी अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की जा चुकी है, जिसमें उनको किसी भी प्रकार का सुराग नहीं मिल पाया। मुख्य बात यह भी सामने आयी है कि धमकी वाले पत्र में कई और को भी जान से मारने की धमकी दी गयी। पुलिस ने तत्काल ही मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज भी कर ली थी।
फिलहाल यह मामला पुलिस के लिए खासा सिरदर्द बना हुआ है। धमकी भरा पत्र कहां से आया, बच्चों को खेलते समय यह पत्र अथवा कागज किसने दिया था और क्या इस पत्र में सच्चाई है अथवा सिर्फ गुमराह करने, दहशत का वातावरण उत्पन्न करने के उददेश्य को लेकर ही यह सब-कुछ रचा गया है? इन्हीं सभी बिंदुओं को केंद्रित करते हुए पुलिस ने अब तक अपनी जांच का दायरा पूर्ण कर लिया है। बावजूद इसके पुलिस यह पता लगाने में दिन-रात लगी हुई है कि आखिर कागज पर इस तरह की धमकी किसने और क्यों दी है? पुलिस इस चर्चित मामले को राजनीतिक रंजिश के नजरिये से भी देखकर चल रही है।