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नवजोत सिद्धू ने आखिरकार थाम ही लिया कांग्रेस का दामन

अमृतसर ईस्ट से लड़ सकते हैं चुनाव

चंडीगढ़ :चार दिनों में दिओ बार राहुल गाँधी से मुलाकात के बाद आखिरकार नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थाम ही लिया। रविवार सुबह ​राहुल गांधी की मौजूदगी में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। सुबह नवजो​त सिद्धू राहुल गांधी से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे और वहां पर उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।

गौरतलब हो कि  नवजोत सिंह सिद्धू  की पत्नी नवजोत कौर पहले ही कांग्रेस का हाथ थाम चुकी हैं। ऐसे में नवजोत सिद्धू का साथ भी कांग्रेस को मिलने से पंजाब की राजनीति में बड़ा फेरबदल होने के आसार बने हुए हैं। खासकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए वे बड़ी चुनौती हैं। पंजाब सूबे में चर्चाएँ हैं कि अगर कांग्रेस पंजाब में विधानसभा चुनाव जीती तो पार्टी आलाकमान कैप्टन को साइड करके सिद्धू को मुख्यमंत्री पद दे सकता है।

अब चूंकि सिद्धू ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है तो अब कहा जा रहा है कि वे अमृतसर ईस्ट से पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं बता दें कि कांग्रेस ने पहले तय कर दिया ​था कि एक परिवार से एक ही टिकट मिलेगा। लिहाजा उसके बाद भाजपा से अमृतसर ईस्ट से विधायक रहीं सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने खुद चुनाव न लड़ने का फैसला लिया। इससे पहले, शनिवार को पंजाब कांग्रेस प्रेसिडेंट कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था, “सिद्धू सौ फीसदी कांग्रेस में आएंगे। वे असेंबली इलेक्शन में अमृतसर ईस्ट से इलेक्शन लड़ेंगे, जहां से सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर विधायक हैं।”

गौरतलब है कि काफी दिनों से नवजोत सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने की बात चल रही थी। पहले सिद्धू को 9 जनवरी को कांग्रेस में शामिल होना था, लेकिन किन्हीं वजहों से यह टल गया था। वीरवार को भी सिद्धू राहुल गांधी से मिलने के लिए पहुंचे थे, जहां दोनों के बीच करीब आधा घंटा बातचीत हुई।

वहीँ ”आप” पार्टी में जाने से पहले और आप से बात नहीं बन पाने पर सिद्धू ने कहा था, “केजरीवाल मुझे एक और शोपीस बनाना चाहते थे। उन्होंने मुझे चुनाव नहीं लड़ने और सिर्फ पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए कहा। मेरी पत्नी को मंत्री बनाने का वादा जरूर किया था।” हालांकि सिद्धू  इस आरोप पर तब आप संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सिद्धू ने पंजाब के सीएम बनने की शर्त रखी है।

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