नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की वजह से बाहर हुई महिलाओं के मामले में अहम फैसला दिया है।
कोर्ट ने नए सिरे से कटऑफ लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिससे आरक्षण की वजह से न्यूनतम कटऑफ से अधिक अंक वाली राज्य के बाहर की महिला अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने का अवसर मिल सके।
हाईकोर्ट ने उत्तराखंड मूल की महिलाओं के आरक्षण पर लगाई थी रोक
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा में उत्तराखंड मूल की महिला अभ्यर्थियों को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने के 2006 के शासनादेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाकर्ताओं को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी। सरकार और लोक सेवा आयोग को सात अक्तूबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे।