Uttarakhand

नौ लाख बेरोजगारों को है प्रदेश में रोजगार की तलाश!

देहरादून : पलायन की मार झेल रहे उत्तराखंड के लिए यह खबर बहुत ही चौंकाने वाली है। सूबे में जहाँ यहाँ के मूल निवासियों के लिए रोज़गार के अवसर कहीं नज़र नहीं आते जबकि वहीँ अन्य प्रदेशों के बेरोजगारों को उत्तराखंड प्रदेश रोज़गार का हब बनता जा रहा है। यह सब यहाँ तैनात उत्तराखंड से इतर प्रदेशों के कर्मचारियों और अधिकारियों के कारण हो रहा है क्योंकि राज्य में कहाँ नौकरी है इनको पता होता है और ये अपने संपर्कों का इस्तेमाल करते हुए दूसरे प्रदेशों के बेरोजगारों को यहाँ रोज़गार देने में प्रयोग कर रहे हैं और इस जुगलबंदी के चलते इस प्रदेश का बेरोजगार युवक अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है।

हालत अब यहाँ तक आ पहुंचे हैं कि 18 साल के इस प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या नौ लाख तक पहुंच चुकी है। जिसमें लगभग 5.53 लाख पुरुष तो 3.45 लाख महिला बेरोजगार शामिल हैं। सूबे में सबसे अधिक बेरोजगार देहरादून जिले में पंजीकृत हैं। यहाँ के आंकड़ों के अनुसार देहरादून में पंजीकृत महिला बेरोजगारों की संख्या पुरुष बेरोजगारों से कई अधिक है। आकंड़ों के अनुसार देहरादून जिले में जहाँ 94,582 महिला बेरोजगार पंजीकृत हैं वहीँ  88,364 पुरुष बेरोजगार भी पंजीकृत हैं।

हालाँकि प्रदेश में पलायन और बेरोजगारी बीते चुनावों का एक बड़ा मुद्दा रहा है। प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या पलायन के पीछे भी बेरोजगारी ही एक बड़ा कारण जिसके कारण पहाड़ का बेरोजगार युवा रोजगार की तलाश में पहले तो देहरादून रोज़गार की तलाश में आता हैजब उसे यहाँ रोज़गार की कोई संभावना नज़र नहीं आती है तो वह उसके बाद प्रदेश से ही पलायन करने को मजबूर है।लेकिन  यह बात बात भी देखने वाली है कि यहाँ के बेरोज़गारों के मुकाबले अन्य प्रदेशों के युवाओं को यहाँ आसानी से कैसे रोज़गार मिल जाता है जांच का विषय है। 

इसका ताज़ा उदाहरण राज्य में 175 दन्त चिकित्सकों को सरकारी नौकरी में तैनाती को लेकर है चर्चाओं के अनुसार इस सूची में चयनित अधिकाँश दन्त चिकित्सक उत्तराखंड राज्य से बाहर के बताये गए हैं। और इनकी तैनाती भी बड़े अधिकारियों ने पर्वतीय स्थानों के बजाय मैदानी इलाकों में कर दी थी लेकिन मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अभी तैनाती रुकी हुई है। ऐसे न जाने कितने उदाहरण यहाँ मौजूद हैं जब प्रदेश के बेरोजगार को दरकिनार कर अन्य प्रदेश के युवा को यहाँ नौकरी मिल आसानी से मिल गयी।  जबकि यहाँ के रोजगार पर सबसे पहला अधिकार यहाँ के बेरोजगारी  की मार झेल रहे युवाओं का है। 

 

राज्य में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या पर एक नज़र …….

जिला—————-पुरुष—————-महिला—————-कुल 

देहरादून———–88364—————94582————182946

उत्तरकाशी——–27377————–14702————–42079

चमोली————-29262————–17164————–46426

पौड़ी—————-47030————–19130————–66160

टिहरी—————54208————–22754————–76962

रुद्रप्रयाग———–16312—————8364—————24676

हरिद्वार————58403————–20435————–78838

यूएस नगर——–49652—————32790————–82442

नैनीताल————52062—————43407—————95469

चंपावत————15700—————–8947—————24647

पिथौरागढ़———-44345—————27730—————72075

बागेश्वर————-20503—————12802—————33305

अल्मोड़ा————-49582————–22436—————-72018

कुल योग———-552800————-345242—————898043

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