Uttarakhand

राज्य में पेट्रोल व डीजल 50 पैसा सस्ता,UPRNN को कोई काम नहीं मिलेगा

-राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले

-अब कोई नया काम नहीं दिया जाएगा यूपी निर्माण निगम को

-पेट्रोल व डीजल पर एक फीसद उपकर समाप्त करने का निर्णय

देहरादून : बद्रीनाथ धाम में 13 मई को होगा चारधाम रेल का शिलान्यासउत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में पेट्रोल व डीजल पर एक फीसद उपकर समाप्त करने का निर्णय किया गया। साथ ही फैसला लिया कि यूपी निर्माण निगम को अब कोई नया काम नहीं दिया जाएगा। वहीँ आबकारी नीति पर नहीं कोई फैसला नहीं हो पाया। 

सचिवालय में चली बैठक में तय किया गया कि यूपी राजकीय निर्माण निगम के पुराने कार्यों की जांच कराई जाएगी। यह जांच नियोजन महकमा करेगा। प्रदेश में पेट्रोल व डीजल पर एक फीसद उपकर को समाप्त करने का भी निर्णय किया गया। इससे राज्य में पेट्रोल 50 पैसा सस्ता हो जायेगा।

गंगा और सहायक नदियों पर जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर मैनेजमेंट बोर्ड के गठन पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई। इसके लिए सब कमेटी के गठन का फैसला लिया गया।

प्रदेश सरकार ने अब हर माह के दूसरे और चौथे बुधवार को कैबिनेट बैठक करने का निर्णय लिया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी बुधवार को अवकाश होने की स्थिति में यह बैठक अगले कार्यदिवस को होगी। पहले यह बैठक बुधवार को होनी थी, लेकिन बुद्ध पूर्णिमा होने के कारण अब यह बैठक आज की गई।

वहीँ कैबिनेट बैठक में भवाली बस अड्डे को अन्यत्र शिफ्ट करने का भी निर्णय लिया गया। मुख्य मार्ग पर नगर में बस अड्डा होने से स्थानीय व अन्य यात्रियों सहित वाहनों को दिक्कत आती रही थी  निर्णय लिया गया कि पास में ही बस अड्डे को शिफ्ट किया जाएगा ।

सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में तय किया गया कि यूपी राजकीय निर्माण निगम के पुराने कार्यों की जांच कराई जाएगी। यह जांच नियोजन महकमा करेगा। प्रदेश में पेट्रोल व डीजल पर एक फीसद उपकर को समाप्त करने का भी निर्णय किया गया। गंगा और सहायक नदियों पर जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर मैनेजमेंट बोर्ड के गठन पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई। इसके लिए सब कमेटी के गठन का फैसला लिया गया।

कैबिनेट में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण फैसले में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया गया है। कोई नया काम यूपी के इस विवादित विभाग को नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि साथ ही जो काम यूपी निर्माण निगम कर रहा है या पूरा कर चुका है, उसके तकनीकी आंकलन के लिए टीम बनाई जा रही हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों यूपी निर्माण निगम के अफसरों और ठेकेदारों के यहाँ इनकम टैक्स के छापों में अरबां रुपये का गड़बड़झाला सामने आया था। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने पेट्रोल और डीजल पर लागू टैक्स को 1 प्रतिशत घटा दिया है। अब राज्य में पेट्रोल डीजल के दाम 50 पैसे तक कम होंगे।

उन्होंने जानकारी दी कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में हो रहे या होने वाले कामों के लिए गंगा मैनेजमेंट बोर्ड के लिए, एक सब कमेटी बना दी गई है। इस कमेटी में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, वित्त मंत्री प्रकाश पन्त और वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत को शामिल किया गया है।

वहीं सस्ते गल्ले की सभी 9200 दुकानो पर ऐसी मशीनें लगेंगी, जिनसे डेबिट कार्ड चल सकेगा या बिना कैश के भुगतान हो सकेगा। इसे जुलाई तक लागू करना होगा तथा अपने भविष्य निधि खाते से पैसे निकालने के लिए, नियमों को थोड़ा सरल बनाया गया है। अब पैसे निकालने में आसानी होगी।

मंत्री कौशिक ने बताया कि कैबिनेट में फैसला लिया गया है कि जीएसटी लागू होने से पहले जो व्यापारियों के विवाद हैं, वो सुलझाने के लिए सहमति बनी है। व्यापारी पिछले 3 साल का खुद असेसमेंट करके एक मुश्त रकम जमा कर सकते हैं। व्यापारी खुद ही असेसमेंट करेगा और 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने से पहले इसे सेटल करना है।

बिजली का झटका, टैरिफ में होगी बढ़ोत्तरी

सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में मामूली राहत भले ही दी हो, लेकिन साथ में बिजली टैरिफ बढ़ाने का रास्ता साफ कर जनता को झटका भी दिया है। राज्य की 1252 मेगावाट की नौ बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं से उत्पादित बिजली पर रायल्टी और सेस की वसूली के मानक बदलने पर मुहर लगाई गई है।

अब जलविद्युत निगम की जिन परियोजनाओं का टैरिफ दो रुपये प्रति यूनिट तक है, उनसे उत्पादित बिजली पर 30 पैसे उपकर और 10 पैसे रायल्टी प्रति यूनिट की दर से वसूल की जाएगी। इससे पहले यह मानक 80 पैसे प्रति यूनिट तक लागू था। इससे प्रदेश के 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर 15 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार पड़ सकता है।

दरअसल, राज्य सरकार ने उपकर और रायल्टी का फायदा मिलने में पेच फंसने के चलते यह कदम उठाया है। राज्य सरकार ने 80 पैसे प्रति यूनिट से कम लागत पर उत्पादित होने वाली जलविद्युत परियोजनाओं पर उपकर और रायल्टी लगाने की व्यवस्था की थी।

इस प्रावधान के साथ यह भी जोड़ा गया था कि परियोजना दस वर्ष पुरानी होनी चाहिए। इस वजह से राज्य की फिलवक्त नौ बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं ही इसके दायरे में आ रही हैं। मनेरीभाली फेज-टू परियोजना को अभी सिर्फ नौ साल ही हो रहे हैं।

लिहाजा दस वर्ष की समय अवधि के दायरे में उसे लाने के लिए एक वर्ष शेष है। नौ बड़ी परियोजनाओं से उत्पादित बिजली का टैरिफ वर्तमान में 80 पैसे प्रति यूनिट से कम नहीं पड़ रहा है। यह टैरिफ 80 पैसे से अधिक तकरीबन 1.72 रुपये प्रति यूनिट पड़ रहा है।

इस वजह से उक्त परियोजनाओं से उत्पादित बिजली पर रायल्टी और सेस वसूल करने में परेशानी पेश आ रही थी। लिहाजा मंत्रिमंडल ने इसे प्रति यूनिट दो रुपये तक बढ़ाने का फैसला किया है।

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