स्वच्छता के साथ-साथ पाॅलीथीन को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता : त्रिवेन्द्र रावत
देहरादून : हमें स्वच्छता मिशन एवं विकास कार्यों को मिलजुल कर आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कुछ निकाय कार्य कर रहे हैं, उन्होंने अन्य निकायों के लिये उदाहरण पेश किया है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने नगर निकाय चमोली का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें स्वच्छता के साथ-साथ पाॅलीथीन को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है।
यह बात आज यहाँ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक स्थानीय होटल में शहरी विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ करते हुए कही। कार्यक्रम के दौरान शहरी विकास विभाग की पूरी टीम को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्वच्छता के लिये अन्य प्रयोगों को भी किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शहरों से दुर्गन्धमुक्त करने हेतु ट्रेचिंग ग्राउण्ड, रिस्पना एवं सुसवा नदी में एक प्रकार के एंजाईम का छिड़काव किया गया, इसके बहुत अच्छे परिणाम मिले।
उन्होंने कहा कि टंªचिंग ग्राउण्ड एवं प्रदूषित नदियों रिस्पना एवं सुसवा से दुर्गन्ध 90 से 95 प्रतिशत तक कम हो गयी। परन्तु इसको सफल बनाने के लिये जनसहभागिता की आवश्यकता है। हमें इस गंदगी एवं दुर्गन्ध को इसके स्रोत से समाप्त करना होगा। हमारे नगर हमारे प्रदेश का चेहरा हैं। इसको स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हमारी है। जनप्रतिनिधि होने के नाते हमें जनता की उम्मीदों में खरा उतरना है।
शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा मुख्यमंत्री श्री रावत का आभार प्रकट करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों को सशक्त करने के लिये इनके बजट को बढ़ाने जो प्रावधान किया गया है, उससे नगर निकायों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने खुले में शौच मुक्त एवं स्वच्छता के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने के लिये नगर पालिका परिषद हरबर्टपुर, मसूरी, नरेन्द्रनगर, चमोली एवं गोपेश्वर को सम्मानित किया गया।