केदारनाथ में पांच साल, पांच सर्च टीम और मिले 21 और नर कंकाल
रामबाड़ा और त्रियुगीनारायण ट्रैक पर चला सर्च अभियान
रामबाड़ा पैदल मार्ग पर बिखरी मिलीं हड्डियां और खोपड़ियां
वासुकीताल, चैमासी और केदारनाथ से लगे रूट पर भी मिले कपड़े और जूते
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून: केदारघाटी में बड़ी संख्या में मिले नर कंकालों से एक बार फिर मृतकों की सही संख्या पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। पांच साल बाद एक बार फिर शुरू किये गए सर्च अभियान के दौरान केदारनाथ आपदा के दौरान जीने की चाह में जान बचाने के लिए इधर-उधर अनजान रास्तों में भागे श्रद्धालुओं के 21 नर कंकाल मिले हैं । कंकालों को खोजने गयी पांच टीमों के सदस्यों ने डीएनए सैंपल लेने के बाद मौके पर ही अंतिम संस्कार कर दिया। डीआइजी अजय रौतेला के अनुसार अब टीम पुलिस मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। प्रत्येक टीम अपने ट्रैक पर चलाए गए ऑपरेशन की रिपोर्ट देगी। पुलिस अधीक्षक चमोली तृप्ति भट्ट, रुद्रप्रयाग प्रहलाद मीणा, आईपीएस टीसी मंजूनाथ, अजय सिंह और एसपी देहरादून यातायात लोकश्वर सिंह के नेतृत्व में पांच टीमों को रवाना किया गया था।
गौरतलब हो कि नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने 11 अक्टूबर को पांच आइपीएस अफसरों के नेतृत्व में पांच पुलिस टीम केदारनाथ में नर कंकालों की तलाश में भेजी थीं। टीम ने पांच अलग-अलग रूटों पर आपदा के मृत लोगों के कंकालों के तलाश में एक अभियान चलाया । इस अभियान के दौरान टीम को केदारनाथ धाम जाने वाले पुराने रामबाड़ा रूट और इससे लगे क्षेत्र में 18 मानव खोपड़ियां सहित कंकाल मिले। इससे पहले हाईकोर्ट में दिए शपथ पत्र में सरकार ने केदारनाथ आपदा में चार हजार लोगों के लापता होने की बात कही थी। टीम द्वारा पुलिस मुख्यालय में सौंपी गई रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जाएगी।
इसी तरह दूसरी टीम ने त्रियुगीनारायण रूट पर तीन नर कंकाल बरामद किए। वासुकीताल, चैमासी और केदारनाथ मंदिर से लगे रूट पर गई टीम को सर्च के दौरान कुछ कपड़े और जूते-चप्पल मिले। जबकि, रामबाड़ा और त्रियुगीनारायण ट्रैक के आसपास कई निर्जन स्थानों पर 2013 की आपदा में लापता हुए लोगों के हाथ, पैर, कंधे और पसलियों की हड्डियां मिलीं। बरामद हो रहे कंकालों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा रही होगी।