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वित्त आयोग का दौरा, सरकार को विशेष पैकेज की उम्मीद !
उत्तराखंड में 15वें वित्त आयोग की टीम का दौरा…..
- राज्य में रहकर आर्थिक जरूरतों के बारे में लेगी जानकारी
- जन प्रतिनिधियों के अलावा स्टेक होल्डर्स से भी बातचीत का कार्यक्रम
- 14वें वित्त में राज्य को प्रति वर्ष 1800 करोड़ का नुकसान का आकलन
- राज्य सरकार को 15 वें वित्त आयोग से मांग करनी चाहिए : हरीश रावत
राजेन्द्र जोशी
देहरादून : उत्तराखंड में 15वें वित्त आयोग की टीम का दौरा होने जा रहा है…जिसके लिए सरकार ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। आयोग की टीम सोमवार 15 अक्टूबर को देहरादून पहुंचेगी और करीब 18 अक्टूबर तक राज्य में रहकर आर्थिक जरूरतों के बारे में जानेगी। देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत मुख्य सचिव उत्पल कुमार और शासन के अधिकारियों से भी टीम के मिलने का कार्यक्रम है। इसके बाद टीम नैनीताल भी जाएगी…जहां राज्य के जन प्रतिनिधियों के अलावा स्टेक होल्डर्स से भी बातचीत का कार्यक्रम है। खबर ये है कि आयोग की टीम दूरस्थ इलाकों का भी हवाई दौरा कर सकती है।
14वें वित्त में राज्य को प्रति वर्ष 1800 करोड़ का नुकसान होने का आंकलन किया गया था..राज्य को हुए इस नुकसान की भरपाई 15वें वित्त से होने की उम्मीद सरकार जता रही है..आयोग की टीम के आने से पहले शासन ने एक प्रजेंटेशन भी तैयार किया है। जिसमें राज्य की जरूरतों के लिहाज से विभागवार बताया गया है। हालाकिं राज्य सरकार में वित्त मंत्री प्रकाश पंत पहले ही दिल्ली में एक मेमोरेंडम आयोग को सौंप चुके हैं। क्योंकि 2020 से 2025 तक राज्य को केंद्रीय पूल से कितना मद मिलेगा ये आयोग ही तय करेगा, ऐसे में आयोग की टीम को वित्तीय रूप से ज्यादा जरूरत होने की बात सरकार समझाएगी।
उधर वित्त मंत्री प्रकाश पंत भी मानते हैं कि 14वें वित्त आयोग से राज्य को उतना पैसा नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था, वित्त मंत्री की माने तो 14वें वित्त आयोग को समझाने में तत्कालीन सरकार से कुछ चूक हो गयी… लेकिन इस बार महीनो से 15वें वित्त आयोग के लिए बड़ी मेहनत की गई है. उन्होंने बताया कि 14वें वित्त से हिमाचल को राजस्व घाटे की भरपाई के लिए 42 हजार करोड़ मिला लेकिन उत्तराखंड को एक पैसा नहीं मिला..वहीं इस बार राज्य वित्त आयोग से ECO सर्विसेज का पैसा भी चाहता हैं।
वित्त आयोग की टीम के राज्य में दौरे पर आने को लेकर जब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूर्ववर्ती सरकार पर खजाना खाली करने का आरोप लगाती है..ऐसा है तो राज्य कैसे चल रहा है..उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार पर नाच न जाने आंगन टेढ़ा की कहावत कहकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। रावत ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है ऐसे में क्यों नहीं डबल इंजन राज्य की पिछली भरपाई करता। रावत ने कहा कि प्रदेश को ग्रीन बोनस , पंचायतो को विशेष ग्रांट और GST से नुकसान की भरपाई को लेकर भी राज्य सरकार को 15 वें वित्त आयोग से मांग करनी चाहिए।